छऊ कला हमारी संस्कृति है, इसका विकास करना हम सभी का दायित्व : गुरु ब्रजेंद्र पट्टनायक
सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन की ओर से चैत्र पर्व का आयोजन किया गया. इस मौके पर कई गुरु को विभिन्न सम्मान देकर सम्मानित किया गया. वहीं, कई कलाकारों ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति देकर लोगों का मन मोहा.
सरायकेला, प्रताप मिश्रा : सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन की ओर से जेल रोड बजरंगबली मंदिर के समीप स्थित मैदान में पारंपरिक चैत्र पर्व का आयोजन हुआ. कार्यक्रम का उद्घाटन संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित छऊ गुरु ब्रजेंद्र पटनायक ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुरु ब्रजेंद्र पट्टनायक ने कहा कि छऊ हमारी संस्कृति है. इसे बचाये रखना और इसका कैसे और अधिक विकास हो, इसका दायित्व हम सबों का है. उन्होंने आर्टिस्ट एसोसिएशन के प्रयास की सराहना की.
छऊ कला हमारी पहचान है : मनोज चौधरी
एसोसिएशन के संरक्षक मनोज चौधरी ने कहा कि छऊ कला हमारी पहचान है. इसे बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है. वहीं, अध्यक्ष भोला महंती ने कहा कि एसोसिएशन हमेशा कला और कलाकारों के उत्थान के लिए कार्य करता रहेगा. आगे भी ऐसा कार्यक्रम होता रहेगा. चेइत परब का शुभारंभ गणेश वंदना एवं मंगलाचरण के साथ किया गया. इसके बाद कई नृत्य प्रस्तुत किये गये. कार्यक्रम रात भर चलता रहा.
गुरुओं को शॉल ओढ़ा कर किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में छऊ गुरुओं एवं वरीय कलाकारों को एसोसिएशन की ओर से अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया. विशिष्ट शहनाई वादक सुधांशु शेखर पाणी को सुरोश्री सम्मान, शिल्पकार दिलीप आचार्य को शिल्पश्री सम्मान, वाद्यकार मंगलाचरण मुखी को तालोश्री सम्मान, नर्तक कामेश्वर भोल को नृत्यश्री सम्मान, गुरु मनोरंजन साहू को गुरुश्री सम्मान तथा गुरु ब्रजेंद्र पटनायक को कुंवर विजय प्रताप लेजेंडरी अवाॅर्ड से सम्मानित किया गया. सम्मान के रूप में प्रमाणपत्र तथा नकद राशि दी गयी. कार्यक्रम में एसोसिएशन के मंच पर प्रदीप कर मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा ढोलवादक मंगला मुखी, विशिष्ट शहनाई वादक सुधांशु शेखर पाणी को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया.
Also Read: झारखंड : सरायकेला में चैत्र महोत्सव का समापन, रात्रि जागरण के साथ छऊ नृत्य की बिखरी छटा
इन कलाकारों ने दी प्रस्तुति
छऊ कलाकार रूपेश साहू, आशीष कर, सुदीप कवि, गजेंद्र महंती, अभिनाश कवि, लिटन महंती, अनिल पटनायक, आशीष कर, अमित साहू, पारस नाथ पाथाल, राजेश गोप, प्रदीप बसा और नीरज पटनायक ने पारंपरिक शिव आराधना यात्राघट की धुन के साथ आरती, हर पार्वती, नाविक, राधाकृष्ण, अर्धनारीश्वर, मयूर, रात्रि, चंद्रभागा, दुर्गा सहित एक से बढ़कर एक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने में मजबूर कर दिया.
कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति
इस मौके पर रजत पटनायक, सुधांशु शेखर पाणी, कामेश्वर भोल, सुदीप कवि, सुशील आचार्य, सुनील दुबे, काशीनाथ कर, आशीष कर, बाउरी बंधु महतो, अभिनाश कवि, सानकु महतो, पाटम मुखी, लिटन महंती, अनिल पटनायक, देवराज दुबे, दिनेश पाणी, नीरज पटनायक, चंदन पटनायक, काबल्या पटनायक, पिंटू पटनायक, चंदन पटनायक, गुप्तेश्वर पटनायक, किशोर पटनायक सहित कई उपस्थित थे.