कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय ने उनके खिलाफ जांच शुरू करने के लिए केंद्र के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी है. उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) का रुख किया है. श्री बंद्योपाध्याय वर्तमान में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार हैं.
राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, श्री बंद्योपाध्याय ने इस तर्क के साथ कैट में मामला किया है कि केंद्र एक आइएएस अधिकारी के खिलाफ सीधे तौर पर जांच नहीं कर सकता है. संघीय ढांचे के अनुसार, केंद्र सरकार को संबंधित राज्य सरकार को आइएएस अधिकारी के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कदम उठाने की सलाह दी जानी चाहिए. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी एक फैसला सुनाया है.
उल्लेखनीय है कि केंद्र ने जून महीने में आलापन बंद्योपाध्याय को 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चक्रवात यास की समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होने के आरोपों के साथ ‘बड़ी कार्रवाई’ की चेतावनी दी थी. केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
इसके जवाब में आलापन बंद्योपाध्याय ने कहा था कि राज्य का मुख्य सचिव होने के नाते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशों का पालन करना उनका कर्तव्य था. इसलिए मुख्यमंत्री के कहने पर ही वह कलाईकुंडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री के साथ कोंटाई में चक्रवात यास की समीक्षा बैठक में गये थे.
इसके बाद केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 16 जून को श्री बंद्योपाध्याय को नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि उन्हें अपने बचाव में एक लिखित बयान देना होगा या इस नोटिस के प्राप्त करने के बाद 30 दिनों के भीतर प्राधिकरण के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा. ऐसा नहीं करने पर प्राधिकरण उनके खिलाफ एकतरफा जांच कर सकता है. इसके खिलाफ श्री बंद्योपाध्याय ने कैट के समक्ष मामला किया है.
Posted By: Mithilesh Jha