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झारखंड : पाकुड़ पहुंचे मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव, बोले- पूरे राज्य में बनेगा एलिफेंट कॉरिडोर

पाकुड़ पहुंचे मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव ने कहा कि पूरे राज्य में एलिफेंट कॉरिडोर बनेगा. पाकुड़ सहित अन्य जिलों में यह काम जल्द शुरू होगा. कॉरिडोर चिह्नित किया गया है.

Jharkhand news: झारखंड में एलिफेंट कॉरिडोर को चिह्नित किया जा रहा है. पाकुड़ सहित अन्य जिलों में भी यह काम जल्द शुरू हो जायेगा. इसके लिए भारत सरकार की टीम पाकुड़ आयेगी. पाकुड़ में एलिफेंट कॉरिडोर को चिह्नित करने का काम अगले छह महीने में पूरा हो जायेगा. इसके बाद वाइल्ड लाइफ प्लान बनाकर उस पर काम किया जायेगा. उक्त बातें मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव ने रविवार को अमड़ापाड़ा स्थित वन विभाग के कार्यालय में पत्रकारों से कही. पाकुड़ के निर्वतमान डीएफओ महालिंग द्वारा बनाये गये एलिफेंट कॉरिडोर के बाद वन विभाग की ओर से जिले में यह कदम उठाया जा रहा है.

रांची व सिंहभूम में चिह्नित किया गया है एलिफेंट कॉरिडोर

मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव ने कहा कि रांची और सिंहभूम में भारत सरकार की टीम ने एलिफेंट कॉरिडोर को चिह्नित कर लिया है. भारत सरकार की टीम फील्ड सर्वे के बाद एलिफेंट कॉरिडोर को चिह्नित करती है. उसके बाद भारत सरकार को रिपोर्ट भेजी जाती है. पाकुड़ में एलिफेंट कॉरिडोर चिह्नित हो जाने के बाद उसके हिसाब से वाइल्ड लाइफ प्लान बनाया जायेगा, जिसे संबंधित क्षेत्र में लागू किया जायेगा.

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कोयला खदान को देखते हुए बनेगा प्लान

मुख्य वन संरक्षक श्री श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में यदि एलिफेंट कॉरिडोर चिह्नित हो जाता है तो भारत सरकार और राज्य सरकार के नियमों के तहत माइनिंग के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए वाइल्ड लाइफ प्लान बनाया जाता है. क्योंकि माइनिंग करने का आदेश भारत सरकार ही देती है. ऐसे में हाथियों की आवाजाही या उनके ठहराव या अन्य जानवरों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए वाइल्ड लाइफ प्लान बनाकर कैम्पा के द्वारा लागू किया जाता है.

तीन महीने के भीतर होगा वन क्षेत्र में कोयले का खनन

उन्होंने बताया कि पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक को वन क्षेत्र में खनन के लिए स्टेज-वन और टू का क्लियरेंस मिल चुका है. अब वन भूमि विमुक्तिकरण की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. इसके बाद पेड़ों की कटाई की अनुमति वन विभाग देगा. इसके बाद कोयला खनन का काम शुरू हो सकता है. इसमें करीब तीन महीने का समय लग सकता है.

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पाकुड़ जिले में 13 पुलिस पदाधिकारियों का हुआ तबादला

दूसरी ओर, पाकुड़ जिले में कई पुलिस पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है. एसपी एचपी जनार्दनन ने जिले के एसआई स्तर के 13 पुलिस पदाधिकारियों का तबादला किया है. एसपी श्री जनार्दनन ने बताया कि बेहतर पुलिसिंग के लिए जिले में कई पुलिस पदाधिकारियों का तबादला किया गया है.

इन पदाधिकारियों का हुआ तबादला

एसआई : कहां थे : कहां गए

संतोष कुमार : पुलिस केंद्र : नगर थाना

उमेश कुमार : पुलिस केंद्र : मुफस्सिल थाना

धनुषधारी रवि : पुलिस केंद्र : मालपहाड़ी ओपी

ग्रैबियल आईद : पुलिस केंद्र : सिमलोंग ओपी

घनश्याम यादव : पुलिस केंद्र : महेशपुर थाना

दिनेश प्रसाद सिंह : पुलिस केंद्र : महेशपुर थाना

रामशरण पासवान : पुलिस केंद्र : लिट्टीपाड़ा थाना

मजिस्टर साह : पुलिस केंद्र : पाकुड़िया थाना

अरुण कुमार राम : पुलिस केंद्र : हाजत प्रभारी, पाकुड़

अनिल कुमार सिंह : पुलिस केंद्र : हिरणपुर थाना

रामसूरत सिंह : पुलिस केंद्र : जीपी शाखा, पाकुड़

सुराई तापे : मालपहाड़ी ओपी : प्रभारी कोत शाखा, पाकुड़

महादेव यादव : जिला नियंत्रण कक्ष : अभियोजन कोषांग, पाकुड़

ग्राम प्रधानों को दी डायन प्रथा व साइबर अपराध की जानकारी

इधर, सिमलोंग ओपी क्षेत्र के ग्रामीणों में जागरूकता को लेकर रविवार को ओपी प्रभारी टिंकू रजक की अध्यक्षता में ओपी परिसर में क्षेत्र के सभी ग्राम प्रधानों के साथ बैठक आयोजित की गयी. ग्राम प्रधानों को डायन प्रथा, साइबर अपराध, सड़क सुरक्षा, मानव तस्करी सहित अन्य जानकारी ओपी प्रभारी द्वारा दी गयी. उन्होंने कहा कि डायन प्रथा समाज के लिए कुप्रथा है. ऐसी सामाजिक कुप्रथा पर अंकुश लगाने के लिए ग्रामीणों में जागरूकता बेहद जरूरी है. ऐसी कुप्रथा न केवल महिलाओं को बल्कि समाज को भी नकारात्मक विचार से ग्रसित करता है. ऐसी कुरीति से महिलाओं को प्रताड़ित करना कानूनी अपराध है और कानून में इसको लेकर कड़ी सजा का प्रावधान है. साथ ही उन्होंने मानव तस्करी पर जागरूक करते हुए कहा कि आपके गांव का कोई भी व्यक्ति, नौजवान, महिला अगर दूसरे प्रदेश कार्य करने जाती है तो उसकी सूचना थाना दें. किसी अनजान व्यक्ति के साथ अपने परिवार के सदस्य को बाहर नहीं भेजने की अपील की. बैठक में उन्होंने ग्रामीणों को पुलिस के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित करने की अपील की. उन्होंने कहा कि पुलिस जनता के लिए है, क्षेत्र की कोई भी छोटी-बड़ी समस्या को लेकर बेहिचक थाना आयें. कानून को अपने हाथ में ना लें. मौके पर धनेश्वर पहाड़िया, जबरा पहाड़िया, जोसेफ किस्कु, रामा पहाड़िया सहित दर्जनों ग्रामप्रधान उपस्थित थे.

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