Jharkhand News (पीयूष तिवारी- गढ़वा) : कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन और मिनी लॉकडाउन में गरीब, रोज कमाने खानेवाले लोग, प्रवासी मजदूरों के साथ वैसे लोग जो सस्ते भोजन के लिए होटल आदि पर निर्भर रहते थे, उनके समक्ष पेट भरने की परेशानी उत्पन्न हो गयी है. ऐसे लोगों का सहारा मुख्यमंत्री दाल-भात योजना बनी है. गढ़वा जिले में अभी मुख्यमंत्री दाल भात योजना के 22 केंद्र संचालित हो रहे हैं. यहां हर दिन 1400 से 1500 लोग भोजन कर रहे हैं.
प्रत्येक केंद्र में औसतन 40 से 50 लोग हर दिन भोजन कर रहे हैं. इस हिसाब से मिनी लॉकडाउन अवधि (22 अप्रैल से 9 मई तक) में अब तक 28 हजार लोग भोजन कर चुके हैं, लेकिन लॉकडाउन अवधि में गढ़वा जिले में प्रवासी मजदूरों के बढ़ रहे आवागमन को देखते हुए सड़क एवं बस स्टैंड आदि के किनारे नये दाल- भात केंद्र नहीं खोले जा सके हैं. जबकि इन स्थलों पर मजदूरों आदि की राहत के लिए दाल-भात केंद्र खोलने की मांग विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से की गयी है.
साथ ही सरकार के निर्देश के आलोक में जिला आपूर्ति विभाग की ओर से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से इससे संबंधित रिपोर्ट भी मांगी गयी है. जिले के 20 प्रखंड की ओर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, यहां 25 अतिरिक्त अस्थायी तौर पर दाल-भात केंद्र खोलने की जरूरत है. यह रिपोर्ट आपूर्ति विभाग के वरीय पदाधिकारियों को भेज दी गयी है, लेकिन खोलने का निर्देश अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है.
Also Read: झारखंड के कोरोना संक्रमितों को बिरसा जीवन आयुष किट से मिलेगा लाभ, CM हेमंत सोरेन ने की शुरुआत
गढ़वा जिले में वर्तमान में संचालित 22 पुराने स्थायी दाल-भात केंद्र में से गढ़वा शहर में 5 केंद्र संचालित हो रहे हैं. इनमें सदर अस्पताल गढ़वा, एसडीओ कार्यालय, रेलवे स्टेशन के समीप, आश्रयगृह एवं बस स्टैंड के पास शामिल है. इसके अलावे जिले के कांडी, केतार व बड़गड़ प्रखंड को छोड़कर शेष सभी प्रखंडों में एक-एक दाल-भात केंद्र संचालित हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र वैसे भीड़-भाड़वाले स्थानों पर खोले जाते हैं, जहां गरीब, मजदूर आदि वर्ग के लोगों का आना-जाना होता है. इसका संचालन आपूर्ति विभाग करता है. गढ़वा जिले में सखी मंडल की महिलाएं भोजन बनाकर लोगों को उपलब्ध कराती है. यहां मात्र 5 रुपये में दाल, चावल व चना-सोयाबीन या आलू-सोयाबीन की सब्जी दी जाती है.
पिछले साल लॉकडाउन में मजदूरों को यहां से फ्री में भोजन दिया जा रहा था. राशि का वहन राज्य सरकार कर रही थी. लेकिन, इस बार लोगों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराने संबंधी कोई निर्देश सरकार की ओर से विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है. इसलिए मजदूरों से 5-5 रुपये लिये जा रहे हैं. कोरोना की वजह से अभी सभी दाल-भात केंद्रों में थाली के बजाय फोम (यूज एंड थ्रो) की थाली में भोजन दिया जा रहा है.
Posted By : Samir Ranjan.