राज्य की अनुमति के बगैर ट्रेनों को भेजने पर ममता बनर्जी ने जतायी नाराजगी, प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) ने राज्य सरकार की अनुमति के बगैर ट्रेनों को बंगाल में भेजने पर नाराजगी जताते हुए इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना नियंत्रण में आ गया था. लेकिन, अन्य राज्यों से इतनी बड़ी तादाद में लोगों के आने से यह बढ़ गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2020 7:38 PM

कोलकाता : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) ने राज्य सरकार की अनुमति के बगैर ट्रेनों को बंगाल में भेजने पर नाराजगी जताते हुए इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना नियंत्रण में आ गया था. लेकिन, अन्य राज्यों से इतनी बड़ी तादाद में लोगों के आने से यह बढ़ गया.

Also Read: पश्चिम बंगाल में स्कूल 30 जून तक बंद, तय तिथि पर होगी 12वीं की परीक्षा

पश्चिम बंगाल में स्कूल 30 जून तक बंद, तय तिथि पर होगी 12वीं की परीक्षा225 ट्रेनों की जो सूची बंगाल सरकार ने तैयार की थी, यदि उसके मुताबिक ट्रेनों को चलाया जाता, तो बाहर फंसे सभी लोगों को 15 दिनों के भीतर राज्य में लाना संभव होता और राज्य सरकार स्थिति पर भी आसानी से नजर रख सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्हें राजनीतिक तौर पर परेशान करने के लिए बंगाल का ही सर्वनाश किया गया. राज्य सरकार से बगैर सलाह लिए लाखों लोगों को भेजने से उन्हें संभालना मुश्किल है.

Also Read: भाजपा ने ममता सरकार के खिलाफ दिया चार्जशीट, कहा- 9 साल में राज्य सरकार पूरी तरह रही है असफल

लाखों लोगों को कोरेंटिन में नहीं भेजा सकता. दुनिया की कोई सरकार लाखों लोगों को एकसाथ अस्पताल में नहीं रख सकती. इस संबंध में वह प्रधानमंत्री व गृह मंत्री से कदम उठाने की गुजारिश करती हैं. यह राजनीति का समय नहीं है. वह प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करती हैं. क्या केंद्र राज्य में कोरोना को संभाल सकेगा? ऐसा नहीं होना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया कि ब्लॉक स्तर तक टास्क फोर्स का गठन किया जाये. यह टास्क फोर्स बीडीओ के नेतृत्व में बनेगा. इसमें स्थानीय थाने के आइसी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रमुख भी रहेंगे. ग्राम पंचायत के प्रमुख, स्थानीय एमएलए को भी इसमें शामिल किया जायेगा.

देश के सर्वाधिक प्रमुख क्षेत्रों, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और चेन्नई से आने वाले लोगों को अनिवार्य रूप से कोरेंटिन में रखा जायेगा. यह टास्क फोर्स इसकी देखरेख करेगा. संस्थानगत कोरेंटिन करने के लिए लोगों को स्कूलों में रखा जायेगा. लिहाजा आगामी 30 जून तक राज्य के सभी सरकारी स्कूल बंद रहेंगे.

Also Read: ममता बनर्जी सरकार से नाराज अधीर रंजन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर की बंगाल में सेना भेजने की मांग

सर्वाधिक संक्रमित इलाकों से आने वाले लोगों को कोरेंटिन में रहने- खाने की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. 14 दिनों तक रहने के बाद इनकी कोरोना की जांच की जायेगी. जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आयेगी उन्हें घर भेज दिया जायेगा. हल्के लक्षण वालों को भी उनके घर भेजा जायेगा. पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उनकी चिकित्सा होगी. जो लोग अन्य क्षेत्रों से आयेंगे उन्हें प्राथमिक जांच के बाद घर जाने दिया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version