Jharkhand News: हजारीबाग में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का बुरा हाल, नहीं हो पा रही पशु की खरीदारी
Jharkhand News: 50 प्रतिशत राशि सरकार और 50 प्रतिशत राशि पशुपालकों को देनी है. वहीं, सरकार की ओर से चयनित एजेंसी से ही पशुओं की खरीदारी होनी है. किस प्रकार से पशुओं को रखना है, उनकी देखभाल कैसे की जानी है, इसके बारे में भी पशुपालकों को प्रशिक्षित किया जाना है.
Jharkhand News: झारखंड के हजारीबाग जिले में पशुपालकों को दो वर्षों से मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का लाभ नहीं मिल सका है. प्रत्येक वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत किसानों को गाय, बकरी, सुअर, मुर्गी, बत्तख व अन्य पशुपालन कार्य के लिए सरकार की ओर से अनुदान राशि मिलती है. वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में लाभुकों का चयन किया गया.
चयनित एजेंसी से ही करनी है पशुओं की खरीदारी
हजारीबाग के पशुपालकों के बैंक खाते में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के 2.50 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इस कारण किसान लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. कारण यह है कि 50 प्रतिशत राशि सरकार और 50 प्रतिशत राशि पशुपालकों को देनी है. वहीं, सरकार की ओर से चयनित एजेंसी से ही पशुओं की खरीदारी होनी है. किस प्रकार से पशुओं को रखना है, उनकी देखभाल कैसे की जानी है, इसके बारे में भी पशुपालकों को प्रशिक्षित किया जाना है.
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समय पर नहीं हो सका एजेंसी का चयन
पशुपालन विभाग की ओर से खाते में राशि भेजकर अपने काम की इतिश्री कर ली गयी. न तो पशुपालकों को प्रशिक्षित किया गया और न ही एजेंसी का चयन सही समय पर किया जा सका. इससे लाभुक खाते में पैसे होने के बाद भी पशुओं की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं. कई किसान लाभ लेने के लिए प्रतिदिन प्रखंड स्थित पशुपालन कार्यालय और जिला पशुपालन कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन निराशा ही हाथ लग रही है.
विभाग में अधिकारियों, कर्मचारियों की कमी: निदेशक
क्षेत्रीय पशुपालन निदेशक दारा शिकोह से जब इस बारे में बातचीत की गयी, तो उन्होंने कहा कि चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो व धनबाद जिले में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का लगभग 12 करोड़ राशि किसानों के बैंक खाते में पड़ी है. हजारीबाग में 2.50 करोड़ रुपये किसानों के बैंक खाते में जमा हैं. चयनित किसानों को 50 प्रतिशत राशि जमा कर योजना का लाभ लेना है. विभाग में अधिकारियों और कर्मियों की कमी है. इसकी जानकारी विभाग व सरकार को समय-समय पर दी गयी है.
हजारीबाग से आरिफ की रिपोर्ट