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पंचायत चुनाव में मतुआ वोटर लगायेंगे ममता बनर्जी की नैया पार? रास उत्सव में शामिल हो सकती हैं मुख्यमंत्री

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कल मंगलवार को तीन दिवसीय दौरे पर नदिया जिले के लिए रवाना हो रही हैं. तीन दिवसीय इस दौरे पर उनका व्यस्त कार्यक्रम है. वह राजनीतिक जनसभा के साथ प्रशासनिक बैठक भी करेंगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2022 6:38 PM
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) कल मंगलवार को तीन दिवसीय दौरे पर नदिया जिले के लिए रवाना हो रही हैं. तीन दिवसीय इस दौरे पर उनका व्यस्त कार्यक्रम है. वह राजनीतिक जनसभा के साथ प्रशासनिक बैठक भी करेंगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यात्रा के पहले दिन वह नदिया जिले के प्रसिद्ध रास उत्सव में भाग ले सकती हैं. रास उत्सव नादिया जिले में दो प्रमुख स्थान पहला नवद्वीप और दूसरा है शांतिपुर में आयोजित किया जाता है. ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस रास उत्सव का हिस्सा बन सकती है. गौरतलब है कि पिछले 11 साल के शासन के दौरान वह कभी नादिया का रास उत्सव देखने नहीं गई उनका यूं जाना कई राजनीतिक पहलूओं को उजागर कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में नदिया जिला प्रशासन को नबन्ना की ओर से निर्देश भेज दिए गए हैं.

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मुख्यमंत्री पहले जाएंगी कृष्णानगर

हालांकि प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री के सभी कार्यक्रम कृष्णानगर में होंगे. शांतिपुर या नवद्वीप जाने की कोई योजना घोषित नहीं की गई है क्योंकि वह मंगलवार दोपहर हेलीकॉप्टर से कृष्णानगर पहुंचेंगी. इसलिए माना जा रहा है कि वह मंगलवार को नादिया के इस प्रसिद्ध त्योहार का हिस्सा बन सकती है. हालांकि ऐसे कयास लगाये जा रहे है कि पंचायत चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मतुआ समुदाय को अपने करीब लाने का प्रयास करने जा रही है.

मुख्यमंत्री नदिया जिले के लोगों के साथ जनसंपर्क का करेंगी प्रयास 

उत्सव में भाग लेकर मुख्यमंत्री नदिया जिले के लोगों के साथ अपने जनसंपर्क को बनाए रखना चाहती हैं. क्योंकि नदिया जिले के अधिकांश निवासी मतुआ समुदाय के हैं . लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव के दौरान नदिया में मतुआ का अधिकांश वोट भाजपा को गया था. रानाघाट सीट बीजेपी ने न सिर्फ पिछले पंचायत चुनाव में बल्कि लोकसभा चुनाव में भी जीती थी. इसलिए तृणमूल नेता पंचायत चुनाव से पहले रास उत्सव में हिस्सा लेकर मतुआ समुदाय के लोगों के करीब पहुंचना चाहती है.

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