पश्चिम बंगाल में दुर्गापूजा की खास धूम होती है.ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने महालय से तीन दिन पहले यानि पितृ पक्ष में मां दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन शुरु कर दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पूजा मंडप में मां दुर्गा की पूजा अर्चना करना राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है. सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है. गुरुवार को मुख्यमंत्री ने श्रीभूमि, साल्टलेक एफडी ब्लॉक और टाला पाड़ा की पूजा का उद्घाटन किया. विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस पूजा के उद्घाटन में परंपरा की बात अप्रासंगिक हो गई है. महालय के तीन दिन पहले ही पूजा पंडाल का उद्घाटन किया जा रहा है. जो नियमानुसार गलत है.
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ( Suvendu Adhikari) ने ट्वीट किया है कि माननीय मुख्यमंत्री ने पितृपक्ष में दुर्गा पूजा का उद्घाटन किया. इस समय पूर्वजों को तर्पण किया जाता है और पूर्वजों की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है. इस सयम कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है.उन्होंने अकेले सभी बंगालियों को खत्म करने का फैसला लिया है. वरिष्ठ कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा, पितृपक्ष का मतलब प्रेतपक्ष है. इस समय कैसे दुर्गा पूजा का उद्घाटन हो सकता है. मुख्यमंत्री अपनी प्रशासनिक शक्तियों का उपयोग करके जो चाहें कर सकती हैं, लेकिन यदि आप पूजा करना चाहते हैं, तो आपको शास्त्रों के नियमों का पालन करना होगा.
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किया उद्घाटन
महालया से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पूजा पंडाल का उद्घाटन विवादों में आ गया है. हालाॅकि पूजा पंडालों का कहना है कि हर वर्ष ही महालया से पहले पूजा पंडालों का उद्घाटन किया जाता है. एफडी ब्लॉक पूजा के अध्यक्ष बनीब्रत बनर्जी ने कहा, यह अनावश्यक विवाद है. पूजा का पालन करना चाहिए. उन्होंने मंडप की मूर्ति का निरीक्षण किया और थीम को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया था. इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.