17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा – राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रहे राज्यपाल

पहले राज्य सरकार द्वारा कुलपतियों के नाम की सिफारिश की जाती थी और राज्यपाल को इन नामों में से किसी एक के नाम का चयन करना होता था. लेकिन अब तो राज्यपाल बंगाल की बजाय अन्य राज्यों के लोगों को कुलपति बना रहे हैं.

कोलकाता, अमर शक्ति : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा राजभवन में भ्रष्टाचार रोधी प्रकोष्ठ स्थापित किये जाने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी आलोचना की और इसे राज्य प्रशासन के कामकाज में हस्तक्षेप का प्रयास करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि बोस ‘एक मुखौटा लगाकर’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं. राज्य सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘मैंने सुना है कि राज्यपाल ने एक भ्रष्टाचार रोधी प्रकोष्ठ गठित किया है. यह राजभवन का काम नहीं है. हम राज्यपाल का सम्मान करते हैं. वह खुद से प्रकोष्ठों को गठित कर रहे हैं. वह अनावश्यक रूप से राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप कर रहे हैं.

राज्यपाल भाजपा के निर्देश पर कर रहें है कार्य

सुश्री बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल की जिम्मेदारियां संविधान में तय की गयी हैं. उन्होंने कहा, मैं देख सकती हूं कि वह (बोस) एक मास्क लगाए हुए हैं और भाजपा के निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने अपने गृह राज्य केरल के एक ऐसे व्यक्ति को बंगाल के एक विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्त किया है, जिसके पास शिक्षा के क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है.

Also Read: ममता बनर्जी ने कहा, राज्यभर में डेंगू के मामले बढ़े, सरकार ने नियंत्रण के लिये सभी अस्पतालों को किया अर्लट
राज्य सरकार द्वारा कुलपतियों के नाम की सिफारिश की जाती थी

पहले राज्य सरकार द्वारा कुलपतियों के नाम की सिफारिश की जाती थी और राज्यपाल को इन नामों में से किसी एक के नाम का चयन करना होता था. लेकिन अब तो राज्यपाल बंगाल की बजाय अन्य राज्यों के लोगों को कुलपति बना रहे हैं और ऐसे लोगों को कुलपति बनाया जा रहा है, जिनके पास शिक्षा क्षेत्र में कार्य करने का कोई अनुभव नहीं है. गौरतलब है कि राज्यपाल ने इससे पहले रवींद्र भारती यूनिवर्सिटी में एक पूर्व न्यायाधीश व आलिया विश्वविद्यालय में पूर्व आइपीएस अधिकारी को कुलपति बनाया है.

Also Read: ‘दुआरे सरकार’ परियोजना से अब तक 6.6 करोड़ लोगों तक पहुंची हैं सेवाएं, सितंबर में फिर लगेंगे शिविर
राज्यपाल ने तृणमूल कांग्रेस के आरोपों को किया खारिज

वहीं, राजभवन में भ्रष्टाचार रोधी प्रकोष्ठ की शुरुआत के दौरान राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने तृणमूल के आरोप को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह प्रकोष्ठ ‘दूसरे के कार्यक्षेत्र में अतिक्रमण नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि ऐसी पहल आम लोगों को सक्षम अधिकारियों के पास अपनी शिकायतें भेजने में मदद करेगी. राज्यपाल ने कहा, यहां भ्रष्टाचार निरोधक इकाई में हम उन लोगों की आवाज उठाने में मदद करेंगे जो ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं. हिंसा के दौर में राजभवन ऐसे लोगों का मित्र बनने का प्रयास कर रहा है जिनके दोस्त नहीं हैं. जब ‘शांति कक्ष’ की स्थापना की गयी थी तब भी आशंकाएं थीं. ‘शांति कक्ष’ ने क्या हासिल किया? हम किसी अन्य के कार्यक्षेत्र का अतिक्रमण करने का प्रयास नहीं करेंगे. एक चीज है जिसे लक्ष्मण रेखा कहा जाता है. निश्चित ही हम खुद को लक्ष्मणरेखा के अंदर रखने का प्रयास करेंगे.इडी

Also Read: भ्रष्टाचार से हासिल 100 करोड़ रुपये लंदन में रुसी माॅडल के खाते में भेजे, इडी के जांच दायरे में एक प्रभावशाली
मुख्यमंत्री की ही बात तो हम लागू करने का कर रहे हैं प्रयास

उन्होंने हाल में एक रैली में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये भाषण का हवाला देते हुए कहा, किसी को पैसा मत दीजिए. हम उसकी अनुमति नहीं देंगे. यदि कोई पैसे चाहता है तो उसका फोटो खींच लीजिए और मुझे भेजिए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं हमारी संवैधानिक सहयोगी ने कूच बिहार में यही कहा था. यही बात तो हम लागू करने का प्रयास कर रहे हैं. यह हम करने जा रहे हैं.

Also Read: ममता का आरोप : केंद्र ने छुपाया है 152 लाख करोड़ का हिसाब, 6 अगस्त को भाजपा की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें