पश्चिम बंगाल में राजनीतिक पार्टियों का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने का सिलसिला जारी है. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भी शिक्षक भर्ती मामले में भाजपा नेता दिलीप घोष के दस्तावेज का मुद्दा उठाया. दिलीप घोष का नाम लिए बगैर ममता बनर्जी ने सवाल किया है कि इस मामले में भाजपा नेता को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जाता ? झाड़ग्राम से कोलकाता आते समय मुख्यमंत्री ने कहीं . उन्होंने कहा कि अर्पिता मुखर्जी के घर से किसी का दस्तावेज मिला तो फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. प्रसन्न राय के घर से भाजपा नेता का दस्तावेज मिला ? ऐसे में उस नेता को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया . उनसे भी पूछताछ की जानी चाहिए .
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शिक्षक भर्ती घोटाला मामले के मिडिल मैन माने जाने वाले प्रसन्ना रॉय के घर से दिलीप घोष के जमीन के दस्तावेज बरामद हुए थे. सूत्रों के मुताबिक दिलीप घोष ने शौभिक मजूमदार नाम के शख्स से साउथ 24 परगना में एक जमीन खरीदी है. वह दस्तावेज प्रसन्न रॉय के घर में मिला था. खबर सामने आते ही तृणमूल ने भी भाजपा नेता की गिरफ्तारी की मांग रखी है.
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तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी यही सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती मामले में भाजपा के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष को गिरफ्तार किया जाना चाहिए . अभिषेक ने इस संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय का भी ध्यान आकर्षित किया. शिक्षक भर्ती मामले में पकड़े गए पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखोपाध्याय का जिक्र करते हुए डायमंड हार्बर के सांसद ने कहा कि पार्थ चटर्जी के घर पर तलाशी अभियान के दौरान अर्पिता के नाम पर दस्तावेज पाए गए थे. इसी वजह से अर्पिता के घर की तलाशी ली गई़. उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया . प्रसन्ना रॉय के घर में दिलीप घोष का दस्तावेज भी मिला था तो फिर दिलीप के घर की तलाशी क्यों नहीं ली गई?
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