Child Marriage In Jharkhand, कोडरमा न्यूज (विकास कुमार) : झारखंड के कोडरमा जिले के डोमचांच प्रखंड की मधुबन पंचायत अंतर्गत टिकैत टोला की राधा पांडेय ने पिछले दिनों बाल विवाह करने से इनकार कर दिया, तो जिला प्रशासन ने उसकी हौसला अफजाई की. डीसी रमेश घोलप के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम राधा के घर पहुंची और विभिन्न सरकारी योजनाओं का उसे आशीर्वाद दिया. डीसी ने जहां राधा को शॉल देकर सम्मानित किया, वहीं सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ते हुए स्पॉन्सरशिप योजना अंतर्गत दो हजार रुपये प्रति माह का स्वीकृति पत्र भी सौंपा.
राधा को 18 वर्ष होने तक हर माह दो हजार रुपये मिलेंगे. यही नहीं डीसी ने सुकन्या योजना का लाभ देने के लिए डीएसडब्ल्यूओ को निर्देश दिया. इसके साथ ही बच्ची के पिता को वृद्धा पेंशन का लाभ दिलाया. बच्ची के परिवार के सभी सदस्यों का नाम राशन कार्ड में जोड़ने को कहा. इसके अलावा सभी का गोल्डेन कार्ड बनाने का निर्देश दिया. राधा की तारीफ करते हुए डीसी ने कहा कि बच्ची की स्कूल व कोचिंग की फीस का बीड़ा भी जिला प्रशासन उठाएगा. उन्होंने गोपनीय प्रभारी को डीईओ से समन्वय स्थापित करते हुए फीस माफी को लेकर कदम उठाने का निर्देश दिया.
राधा से बातचीत के बाद डीसी ने कहा कि बच्ची ने जो साहस दिखाया है और समाज के लिए जो मिसाल पेश की है, वह काबिलेतारीफ है. इसने बाल विवाह के विरुद्ध आवाज उठाते हुए अपने माता-पिता के साथ-साथ लड़के पक्ष के समक्ष भी विरोध दर्ज करा अपनी शादी रोकी है. यह एक अच्छी पहल है. राधा का यह कदम दूसरे बच्चों के लिए भी प्रेरणा है. जब बच्चे इस प्रकार के साहसिक कदम उठाते हैं तो यह सिर्फ उस तक सीमित नहीं रहता, बल्कि वह पूरे समाज के लिए मिसाल बन जाता है. डीसी ने बताया कि पिछले दिनों नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी से जब बात हो रही थी तो उन्होंने इस बच्ची का जिक्र किया था और उन्होंने कहा था कि मैं राधा से मिलूं. उन्होंने कहा कि बाल विवाह के मुद्दे पर प्रशासन कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन व अन्य सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर जाकरूकता कार्यक्रम चला रहा है.
डीसी से बातचीत के क्रम में राधा ने बताया कि मैं बड़ी होकर शिक्षिका बनाना चाहती हूं. डीसी ने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उज्ज्वल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर वह व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क कर सकती है. आपको बता दें कि राधा कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन द्वारा संचालित बाल मित्र ग्राम टिकैत टोला की बाल पंचायत की मुखिया है. उसकी उम्र अभी 16 वर्ष है, लेकिन उसके पिता ने शादी तय कर दी थी. 23 जून को उसकी शादी होने वाली थी. राधा की मानें तो शादी से इनकार करते हुए मैंने सभी को कहा कि हम बाल पंचायत के बच्चे बाल विवाह, बाल मजदूरी के खिलाफ व सभी बच्चों को शिक्षा मिल सके, इसके लिए अभियान चलाते हैं, तो मैं खुद बाल विवाह कैसे कर सकती हूं ? इस बात को मैंने अपने मां-पिता और होने वाले ससुराल पक्ष को भी फोन करके समझाया. जब वो नहीं माने तब बाल मित्र ग्राम के कार्यकर्ताओं से बात की. तब जाकर शादी रुक सकी. मैंने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी को भी फोन करके इस बारे में अवगत कराया.
सत्यार्थी फाउंडेशन के निदेशक ओमप्रकाश पाल ने बताया कि लॉकडाउन के चलते लंबे समय से विद्यालय बंद हैं. इससे माइका माइंस क्षेत्र के गांवों में बाल विवाह व बाल श्रम की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. बाल विवाह व बाल श्रम के खतरों के प्रति सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के लिए अभी बाल पंचायतों के नेतृत्व में गांवों में अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान बाल पंचायत के बच्चे, प्रशासन व ग्राम पंचायतों की संयुक्त पहल से पिछले तीन माह में 21 बाल विवाह रोके गए हैं.
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मौके पर डीडीसी आर रॉनिटा, गोपनीय प्रभारी जयपाल सोय, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी आरती कुमारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी नरेंद्र सिंह, बीडीओ मनीष कुमार, सीओ मां देवी प्रिया, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन के निदेशक ओमप्रकाश पाल, जिला समन्वयक अरविंद कुमार, सहायक परियोजना अधिकारी मनोज कुमार, बाल मित्र ग्राम एकडेरवा की मुखिया काजल, नावाडीह की माया, भेलवाटांड की संजना, अमित कुमार, रत्नेश, तरुण, सुप्रिया रॉय, बेबी देवी व अन्य उपस्थित थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra