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झारखंड : एक हाथ में चप्पल, दूसरे में छाता, पीठ पर बैग लेकर ऐसी जर्जर सड़क से स्कूल जाते हैं बच्चे

परहाटोली पंचायत के डूमरडीह गांव स्थित टूंगटोली की आबादी 500 है. टूंगटोली तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क नहीं है. परहाटोली मोड़ से टूंगटोली तक आधा किलोमीटर सड़क कच्ची है, जो बारिश के मौसम में कीचड़ में तब्दील हो जाती है. ऐसे में टूंगटोली तक दोपहिया व चार पहिया वाहन से पहुंचना लगभग नामुमकिन है.

एक हाथ में चप्पल, दूसरे हाथ में छाता और पीठ पर भारी स्कूल बैग. यह दृश्य है झारखंड का. झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ स्थित एक गांव का. इस गांव के बच्चे इस जर्जर सड़क पर खाली पैर आधा किलोमीटर चलने के बाद अपने स्कूल पहुंचते हैं. ऐसा नहीं है कि एक गांव के बच्चों को यह परेशानी झेलनी पड़ती है. आसपास के 13 गांवों के बच्चे उसी स्कूल में पढ़ने जाते हैं, जहां ये बच्चे पढ़ते हैं. हर साल बरसात के मौसम में यहां ऐसा ही देखने को मिलता है. महुआडांड़ के टूंगटोली के बच्चों की यही नियति बन गई है. परहाटोली पंचायत के डूमरडीह गांव स्थित टूंगटोली की आबादी 500 है. टूंगटोली तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क नहीं है. परहाटोली मोड़ से टूंगटोली तक आधा किलोमीटर सड़क कच्ची है, जो बारिश के मौसम में कीचड़ में तब्दील हो जाती है. ऐसे में टूंगटोली तक दोपहिया व चार पहिया वाहन से पहुंचना लगभग नामुमकिन है. टूंगटोली में वर्ष 1981 में संत लेवोन विद्यालय की नींव रखी गयी थी. वर्तमान में इस स्कूल में 522 विद्यार्थियों ने नामांकन करा रखा है. इस स्कूल में परहाटोली, राजडंडा, डूमरडीह, कापू, चुटिया, बेलवार सहित 13 गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं.

केजी से आठवीं तक की स्कूल में होती है पढ़ाई

बारिश के मौसम में विद्यार्थी हाथ में चप्पल, कंधे में बैग टांगे यूनिफाॅर्म को बचाते हुए आधा किलोमीटर कीचड़ में चलकर स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका किरन लकड़ा ने बताया कि स्कूल में केजी से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है. बारिश के मौसम में सड़क पर चलना बहुत मुश्किल हो जाता है. अक्सर बच्चे कीचड़ में फिसल कर गिर जाते हैं, जिससे उनकी यूनिफॉर्म खराब हो जाती है.

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मुखिया से उपायुक्त और विधायक तक को दिया आवेदन

वहीं ग्रामीणों ने बताया कि गांव तक सड़क बनाने के लिए उपायुक्त, एसडीओ, बीडीओ, मुखिया व विधायक तक को आवेदन दिया गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मुखिया रीता खलखो ने कहा कि जिला और प्रखंड से जब भी क्षेत्र में खराब सड़क की लिस्ट मांगी जाती तो टुंगटोली की सड़क को प्राथमिकता के आधार पर भेजा जाता है. उन्होंने कहा कि हर बार भी इसे भेजा गया है.

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