Dhanbad: एक ही कमरे में बैठे 3 कक्षाओं के बच्चे, एक-दूसरे की मदद से दी परीक्षा
स्कूल के एक ही कमरे में तीसरी, चौथी व पांचवीं कक्षा के बच्चे एक साथ बैठकर परीक्षा दे रहे थे. सब एक-दूसरे की मदद लेकर प्रश्नों के जवाब लिख रहे थे. एक अन्य स्कूल की तीन कक्षाओं में परीक्षा चल रही थी, लेकिन निगरानी के लिए मात्र दो शिक्षक थे. यहां परीक्षा के दौरान विद्यालय परिसर में बच्चे खेलते भी दिखे.
धनबाद. स्कूल के एक ही कमरे में तीसरी, चौथी व पांचवीं कक्षा के बच्चे एक साथ बैठक कर परीक्षा दे रहे थे. सब एक-दूसरे की मदद लेकर प्रश्नों के जवाब लिख रहे थे. एक अन्य स्कूल की तीन कक्षाओं में परीक्षा चल रही थी, लेकिन निगरानी के लिए मात्र दो शिक्षक थे. यहां परीक्षा के दौरान विद्यालय परिसर में बच्चे खेलते भी दिखे. यह नजारा सरकारी और मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शनिवार से शुरू हुई कक्षा एक से सातवीं तक की वार्षिक परीक्षा में देखने को मिला. परीक्षा के पहले दिन सुबह 7.30 से 9.30 बजे तक परीक्षा चली. जिले के 1696 विद्यालयों में हुई परीक्षा में एक लाख 86 हजार 537 बच्चों को शामिल होना था. इसमें से एक लाख 66 हजार 871 बच्चे परीक्षा में शामिल हुए, जबकि 19666 बच्चे अनुपस्थित रहे. प्रभात खबर की टीम परीक्षा का जायजा लेने के लिए विद्यालयों में पहुंची, तो कहीं एक ही बेंच पर चार बच्चे एक-दूसरे के सहयोग से परीक्षा देते दिखे. कुछ जगह प्रश्न पत्र लेकर बच्चे परिसर में बैठे नजर आये.
स्कूल में पीने के लिए पानी नहीं
एनपीएस चांदमारी, मांझी बस्ती में बच्चों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी. सप्लाई पानी का कनेक्शन तो है, लेकिन पानी नहीं आता है. एमडीएम तक बनाने में दिक्कत आ रही है. शिक्षक रोजाना पानी खरीद रहे हैं.
परीक्षा केंद्र के बाहर प्रश्न पत्र के साथ थे बैठे बच्चे
सुबह 8.50 बजे झरिया प्रमंडल वन स्थित नया प्राथमिक विद्यालय चांदमारी, मांझी बस्ती में परीक्षा केंद्र के बाहर बच्चे प्रश्न पत्र के साथ बैठे हुए थे. एक ही कमरे में कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के बच्चे जैसे-तैसे परीक्षा दे रहे थे. यहां 57 बच्चे नामांकित हैं. परीक्षा में 50 बच्चे शामिल थे. एक बेंच पर चार-चार बच्चे बैठे थे. पूरा कमरा बच्चों से भरा था, लेकिन कमरे में एक भी पंखा नहीं था. बच्चे एक-दूसरे की मदद से परीक्षा दे रहे थे. बीएड की दो छात्राएं कक्षा एक व दूसरी की परीक्षा ले रही थीं.
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दो कमरों में 75 बच्चों को बैठा कर ली गयी परीक्षा
प्राथमिक विद्यालय बेरा कोलियरी वन में सिर्फ दो कमरे हैं, लेकिन यहां कक्षा एक से पांचवीं तक का संचालन होता है. कक्षा प्रथम व द्वितीय के छात्रों को एक कमरे में व कक्षा तृतीय से पंचम तक के बच्चों को दूसरे कमरे में बैठाया गया था. नामांकित बच्चों की संख्या 84 है, लेकिन 75 बच्चों ने ही परीक्षा दी. दोनों कमरों में परीक्षा शांतिपूर्ण चल रही थी.
परीक्षा के समय खेलते दिखे बच्चे
राजकीयकृत मध्य विद्यालय, पतराकुल्ही में टीम 9.11 बजे पहुंची. परीक्षा के समय में कई बच्चे स्कूल परिसर में खेलते दिखे. बाहर के गेट पर ताला लगा हुआ था, वहीं एक शिक्षिका कुर्सी लगा कर बरामदे में बैठी हुई थीं.
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उउवि हरिहरपुर में दूसरे विषय का पहुंच गया प्रश्नपत्र
गोमो. उत्क्रमित उच्च विद्यालय हरिहरपुर में सातवीं की वार्षिक परीक्षा आधा घंटा विलंब से हुई. बताया जाता है कि विद्यालय में सातवीं के प्रश्न पत्र का पॉकेट खोलते ही विद्यालय के शिक्षक हैरान हो गये. परीक्षार्थियों को भाषा मंजरी का प्रश्न पत्र दिया जाना था, जबकि पॉकेट में दूर्वा का प्रश्न पत्र आ गया था. प्रभारी प्रधानाध्यापक नरेश रजक ने तुरंत प्रश्न पत्र की व्यवस्था की. श्री रजक ने बताया कि परीक्षार्थियों को आधा घंटा अतिरिक्त समय देकर परीक्षा ली गयी.
दो शिक्षकों ने तीन कमरों में 90 बच्चों की ली परीक्षा
प्रभात खबर की टीम सुबह 8.40 बजे जिला मुख्यालय स्थित नया प्राथमिक विद्यालय, चांदमारी पहुंची. यहां कक्षा एक से पांचवीं तक में 98 बच्चे नामांकित हैं. परीक्षा में करीब 90 बच्चे उपस्थित थे. उन्हें तीन कमरों में बैठा कर परीक्षा ली जा रही थी. कक्षा पहली व दूसरी के बच्चों को एक कमरे में, कक्षा चौथी के बच्चों को दूसरे कमरे में व तीसरी और पांचवीं कक्षा के बच्चों को तीसरे कमरे में बैठा कर परीक्षा ली जा रही थी, लेकिन यहां शिक्षक सिर्फ दो ही थे, जो कभी इस कमरे में भाग कर जाते थे, तो कभी उस कमरे में.