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झारखंड के इस स्कूल में पढ़ने से कतराते हैं बच्चे, खुले आसमान में पढ़ने को विवश, जानें कारण

पूर्वी सिंहभूम के गोहालडांगरा उत्क्रमित हाई स्कूल में स्कूल में पढ़ाई के दौरान दो कमरों में छत का प्लास्टर टूटकर गिरा. इससे नौंवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थी बाल-बाल बचे. इस हादसे के बाद विद्यार्थी क्लास रूम में जाने से कतरा रहे हैं. अब खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को विवश हैं.

By Samir Ranjan | October 27, 2022 11:10 PM

Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाकुलिया प्रखंड के कालियाम पंचायत स्थित गोहालडांगरा उत्क्रमित हाई स्कूल में गुरुवार को बड़ी दुर्घटना टल गई. शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण कई बच्चों की जान जाते-जाते बच गई. विगत कई वर्षों से जर्जर भवन में बच्चों की पढ़ाई हो रही है. लेकिन, शिक्षा विभाग द्वारा जान जोखिम में डालकर पढ़ रहे बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई है.

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क्लास रूम का प्लास्टर गिरने से बच्चों में डर समाया

गुरुवार को स्कूल परिसर में नौंवी एवं दसवीं कक्षा के कमरों की छत का प्लास्टर कक्षा चलने के दौरान ही गिर पड़ी.  सौभाग्य की बात रही कि जिस स्थान पर प्लास्टर टूटकर गिरा उस बेंच पर एक भी विद्यार्थी नहीं बैठे थे. इस घटना के बाद स्कूल के विद्यार्थी और शिक्षक इतने भयभीत हो गए कि अब भय के मारे कक्षा में घुसने से ही कतराने लगे हैं. बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए शिक्षकों ने विद्यालय परिसर में ही पेड़ के नीचे दरी बिछाकर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. स्कूल में पहली कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा तक के कुल 283 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं.

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आठ साल से भवन अधूरा

मालूम हो कि वर्ष 2014-15 में गोहालडांगरा उत्क्रमित हाई स्कूल परिसर में विद्यालय भवन निर्माण कार्य शुरू हुआ.  12 कमरों का दो मंजिला विद्यालय भवन बनकर तैयार हुआ, लेकिन आठ साल बीत जाने के बाद भी आज तक भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका. इस मामले को लेकर कई बार पत्राचार हुए.  वर्तमान मुखिया दासो हेंब्रम ने चाकुलिया प्रखंड कार्यालय में आयोजित उपायुक्त विजय जाधव के जनता दरबार में भी इस मामले की शिकायत की. लेकिन, इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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स्कूल प्रबंधन समिति एवं मुखिया ने जताई चिंता

क्लास रूम का प्लास्टर गिरने की जानकारी मिलने पर मुखिया दासों हेंब्रम तथा स्कूल प्रबंधन समिति की अध्यक्ष मीनू राणा मौके पर पहुंची. शिक्षकों के साथ बैठक कर बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए पेड़ के नीचे ही पढ़ाने का निर्णय तत्काल लिया गया. घटना की सूचना प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को मुखिया दास हेंब्रम ने दूरभाष पर दी.  प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने भी कोई सटीक हल शिक्षकों को नहीं बताया. मुखिया एवं स्कूल प्रबंधन समिति की अध्यक्ष ने इस घटना पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग की लापरवाही बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ के समान है. जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. कहा कि जल्द से जल्द शिक्षा विभाग यदि कोई ठोस पहल नहीं करती है तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी.

बरसात में रसोई की छत से टपकता है पानी

गोहालडांगरा उत्क्रमित हाई स्कूल परिसर स्थित रसोई की हालत भी काफी खराब है. माता समिति के सदस्यों ने बताया कि बरसात के दिनों में रसोई की छत से लगातार पानी टपकता रहता है. रसोई की छत भी कमजोर हो चुकी है. कई बार इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई है. लेकिन, अब तक रसोई घर बनाने को लेकर कोई पहल नहीं की गई है.

तीन कमरों में पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक की हो रही है पढ़ाई : प्रधानाचार्य

विद्यालय के प्रधानाचार्य मिर्जा टुडू ने बताया कि विद्यालय में महज 3 कमरे हैं.  जिनमें पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई करवाई जा रही है.  भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है.  गुरुवार को दो कमरों की छत से प्लास्टर टूटकर गिरा है.  छत की स्थिति ऐसी है कि आगे भी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

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ठेकेदार को किया जा चुका है ब्लैक लिस्टेड : प्रणव बेरा

इस बारे में पूछे जाने पर चाकुलिया बीआरसी के प्रखंड साधन सेवी प्रणव बेरा ने बताया कि संवेदक द्वारा भवन का अधूरा निर्माण कर छोड़ दिया गया है.  उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर संवेदक को ब्लैक लिस्टेड भी कर दिया गया है.  समस्या के समाधान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर ही अधूरा भवन निर्माण कार्य को पूरा कराया जा सकता है.

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