गिरिडीह : चिलखारी नरसंहार के दो आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी, जानें पूरा मामला
कार्यक्रम में स्थानीय व जिला के विभिन्न प्रखंड के दर्शक उपस्थित थे. इस दौरान रमेश मंडल तथा बशीर अन्य अभियुक्तों के साथ घातक हथियार से लैस होकर वहां पहुंचे
जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश नवम नीरजा आश्री की अदालत ने शनिवार को ‘चिलखारी नरसंहार’ के दो आरोपियों रमेश मंडल और बसीर उर्फ राजकुमार उर्फ कुंवर यादव को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. घटना 26 अक्तूबर 2007 की रात 12:30 बजे की है. यहां स्थानीय नागरिकों ने फुटबॉल मैच के समापन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया था. मुख्य अतिथि बाबूलाल मरांडी के भाई नुनूलाल मरांडी और पुत्र अनूप मरांडी थे.
कार्यक्रम में स्थानीय व जिला के विभिन्न प्रखंड के दर्शक उपस्थित थे. इस दौरान रमेश मंडल तथा बशीर अन्य अभियुक्तों के साथ घातक हथियार से लैस होकर वहां पहुंचे और गोलीबारी की. इसमें अनूप मरांडी, दिलकुश सिंह, अजय कुमार सिंह, रसिक बास्की, केदार हेंब्रम समेत 17 लोगों की मौत हो गयी. घटना में 12 लोग जख्मी हुए. इस दौरान नुनूलाल मरांडी के निजी अंगरक्षक की बंदूक, गोली एवं लाइसेंस छीन लिये गये थे.
उक्त घटना सुनियोजित तरीके से की गयी थी. इस घटना में प्रतिबंधित राइफल का प्रयोग किया गया था और घटना को प्रतिबंधित संगठन एमसीसी के साथ मिलकर अंजाम दिया गया था. इस दौरान नुनूलाल मरांडी के अंगरक्षक ने कुर्सी पीछे की और धकेल दिया, जिससे वह बाल-बाल बच गये. अनुसंधान के क्रम में पुलिस द्वारा बयान दर्ज किया गया था. इसमें अनुसंधानकर्ता समेत सात चिकित्सकों का बयान दर्ज किया था.