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झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव बरी, लेकिन पत्नी निर्मला देवी को हुई सजा, जानें पूरा मामला

चिरूडीह कफन सत्याग्रह के एक अन्य मामले में योगेंद्र साव बरी हो गये हैं लेकिन पत्नी निर्मला देवी को 1 महीने की सजा सुनाई गयी है. उनपर सरकारी काम में बाधा व माइंस एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 8, 2022 10:08 AM

Jharkhand News, Hazaribagh News हजारीबाग : अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने चिरूडीह कफन सत्याग्रह के एक अन्य मामले में साक्ष्य के अभाव में योगेंद्र साव को रिहा कर दिया, जबकि पूर्व विधायक निर्मला देवी और एक अन्य आरोपी मंटू सोनी को दोषी धारा-341 में दाेषी पाते हुए एक महीना की सजा सुनायी. मामला हज़ारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र के चिरूडीह में एनटीपीसी के पकरी बरवाडीह परियोजना के खिलाफ कफन सत्याग्रह आंदोलन का है़.

एनटीपीसी के तत्कालीन जीएम टी गोपाल कृष्णा के बयान पर बड़कागांव थाना कांड संख्या 226/16 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी़ जिसमें पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, बड़कागांव के पूर्व विधायक निर्मला देवी और मंटू सोनी को आरोपी बनाया गया था़ सभी पर मजमा लगाकर एनटीपीसी के शावेल मशीन को रोककर चालक के साथ मारपीट,धमकी देने का आरोप था़.

उनपर सरकारी काम में बाधा व माइंस एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी़ पूर्व विधायक निर्मला देवी और मंटू सोनी को एक एक महीने की सजा सुनाने पर दोनों का कस्टडी की अवधि देखी गयी़ निर्मला देवी चार महीने छह दिन और मंटू सोनी का चार महीने 13 दिन तक जेल में रह चुके है़ं जिसके आधार पर कोर्ट ने दोनों को मुक्त कर दिया़

Posted By : Sameer Oraon

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