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बड़कागांव चिरूडीह हत्याकांड में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व पत्नी निर्मला दोषी करार, सजा का ऐलान कल

बड़कागांव चिरूडीह हत्याकांड मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव दोषी करार दिये जा चुके हैं. जबकि उनका पुत्र अंकित कुमार को बरी कर दिया गया. अब सजा का ऐलान 24 मार्च को होगा. ये घटना एक अक्तूबर 2016 की है.

हजारीबाग : हजारीबाग के बड़कागांव चिरूडीह हत्याकांड से जुड़े मामले में मंगलवार को पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी व पूर्व विधायक निर्मला देवी को दोषी करार दिया गया़ वहीं, उनके पुत्र अंकित कुमार साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिये गये. गुरुवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई होगी. अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया.

मामला बड़कागांव थाना क्षेत्र के चिरूडीह हत्याकांड संख्या 228/ 16 से जुड़ा हुआ है़ मामले में तीनों आरोपी थे़ इस मामले में अपर लोक अभियोजक परमानंद यादव ने पैरवी की़ घटना एक अक्तूबर 2016 की है. इस संबंध में दो अक्तूबर 2016 को बड़कागांव थाना में एएससपी कुलदीप सिंह के बयान पर कांड संख्या 228/16 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी़

पुलिस फायरिंग में चार की हुई थी मौत :

एनटीपीसी खनन को लेकर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व निर्मला देवी ने कफन सत्याग्रह शुरू किया था. उस दिन तत्कालीन विधायक निर्मला देवी की गिरफ्तारी के बाद समर्थक जब उन्हें छुड़ाकर ले जा रहे थे, तो पुलिस की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गयी थी. जिनकी मौत हुई थी, उनमें मो महताब, रंजन कुमार दास, पवन कुमार साव और अभिषेक कुमार राय शामिल हैं. कई लोग घायल भी हो गये थे. समर्थकों ने पुलिस पर हमला भी किया था.

चिरूडीह हत्याकांड एक नजर में

एक अक्तूबर 2016 की घटना

दो अक्तूबर 2016 को प्राथमिकी

तीन दिसंबर 2016 को चार्जशीट

2017 से मामले का ट्रायल शुरू

19 अप्रैल 2018 को आरोप

का गठन हुआ

योगेंद्र साव हजारीबाग के

27 मामलों में 12वें केस में दोषी करार

निर्मला देवी कस्टडी में जेल भेजी गयीं

होटवार जेल में बंद योगेंद्र साव वीडियो कांफ्रेसिंग से पेश हुए, जबकि जमानत पर चल रही निर्मला देवी को अदालत के आदेश पर कस्टडी में लेकर होटवार जेल भेज दिया गया़ अप्रैल 2019 को रांची सिविल कोर्ट में दर्ज एसटी 254/ 19 के तहत मामले की सुनवाई चल रही है़ मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव साढ़े चार साल से जेल में हैं. उन पर हजारीबाग में इससे जुड़े मामले में कुल 27 केस दर्ज है़ं वह 11 मामलों में बरी हो चुके हैं और यह 12 वां मामला है, जिसमें दोषी करार दिये गये़

इन धाराओं के तहत दोनों को दिया गया दोषी करार

निर्मला देवी को धारा-325, 326- गंभीर रूप से घायल करने, 148- दंगा फसाद कराने, 307- जानलेवा हमला, 333- आगजनी कराने, 188- निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने, 109- अपराध के लिए उकसाने , 120 बी-षडयंत्र रचने के मामले में दोषी करार दिया गया, जबकि योगेंद्र साव को केवल 109- अपराध के लिए उकसाने की धारा को छोड़कर उक्त सभी धाराओं में दोषी करार दिया गया़

सुप्रीम कोर्ट ने किया था राज्य बदर

इस मामले के आरोपी पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व निर्मला देवी द्वारा केस को प्रभावित करने का आरोप लगा था़ उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राज्य बदर कर दिया था़ बाद में उन्होंने जमानत के नियमों का उल्लंघन किया, तो उसके बाद अदालत ने उन्हें इस मामले में हजारीबाग से रांची के होटवार जेल भेज दिया था़ बाद में निर्मला देवी को जमानत मिल गयी थी और वह जेल से बाहर आ गयी थी़ं

20 गवाहों की अभियोजन ने गवाही दर्ज करायी

मामले में तीन दिसंबर 2016 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था़ 19 अप्रैल 2016 को मामले में आरोप गठन हुआ था़ अभियोजन की ओर से तत्कालीन एएसपी अभियान कुलदीप कुमार, बड़कागांव सीओ शैलेश कुमार सिंह, आइओ तत्कालीन इंस्पेक्टर तथा वर्तमान में डीएसपी विजय शंकर सिंह सहित 20 गवाहों की गवाही दर्ज करायी गयी़ बचाव पक्ष की ओर से सात गवाही दर्ज करायी गयी़

Posted By : Sameer Oraon

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