Chitragupta Puja 2022: यम द्वितीया पर मनुष्य के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा का भी विधान है. चित्रगुप्त पूजा के दिन विशेष रूप से कारोबारी मनुष्य द्वारा किए गए पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं. चित्रगुप्त पूजा के दिन भाई दूज पर्व भी मनाया जाता है.
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि प्रारम्भ – 26 अक्टूबर 2022, दोपहर 02:42
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त – 27 अक्टूबर 2022, दोपहर 12:45
पूजा मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 18 – दोपहर 03 बजकर 33 (26 अक्टूबर 2022)
हिंदू धर्म से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार भगवान चित्रगुप्त (Chitragupt) का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ था. भगवान चित्रगुप्त को देवताओं के लेखपाल और यम के सहायक के रूप में पूजा जाता है. चित्रगुप्त जी का कार्य मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखना है. माना जाता है कि मनुष्य को उनके कर्मों के अनुसार ही फल की प्राप्ति होती है और उनके जीवन व मृत्यु की अवधि का हिसाब-किताब भी कर्मों के अनुसार ही लिखा जाता है. ये लेखा-जोखा भी भगवान चित्रगुप्त जी ही रखते हैं. इसलिए भगवान चित्रगुप्त मुख्य रूप से यमदेव के सहायक हैं.
दरअसल, भाई दूज पर यम ने अपनी बहन यमुना को एक वरदान दिया था. इस वरदान के अनुसार भाई दूज के दिन जो भाई अपनी बहन के यहां जाकर, बहन के हाथों माथे पर तिलक लगवायेगा और उसके यहां भोजन करेगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा. इसलिए भाई दूज के इस त्योहार को यम द्वितीया भी कहा जाता है. चूंकि भगवान चित्रगुप्त यम देव के सहायक हैं, इसलिए भाई दूज के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा भी की जाती है.
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