हिन्दी पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन चित्रगुप्त पूजा होती है. भाईदूज के दिन श्री चित्रगुप्त जयंती मनाते हैं. इस दिन पर कलम-दवात पूजा (कलम, स्याही और तलवार पूजा) करते हैं जिसमें पेन, कागज और पुस्तकों की पूजा होती है. चित्रगुप्त पूजा 2021 भगवान चित्रगुप्त की पूजा 6 नवंबर को है. चित्रांश समाज के लोग इस पूजा के दौरान कलम नहीं छूते हैं. घरों में भी चित्रगुप्त भगवान के चित्र की पूजा-अर्चना की जाती है। कई जगह प्रतिमा भी स्थापित की जाती है. आइए जानते हैं चित्रगुप्त की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में ये बातें.
चित्रगुप्त पूजा विधि
भाई दूज के दिन शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर चित्रगुप्त महाराज की तस्वीर स्थापित करें. उनको अक्षत्, फूल, मिठाई, फल आदि चढ़ा दें. अब एक नई कलम उनको अर्पित करें तथा कलम-दवात की पूजा करें. अब सफेद कागज पर श्री गणेशाय नम: और 11 बार ओम चित्रगुप्ताय नमः लिख लें. अब चित्रगुप्त जी से विद्या, बुद्धि तथा लेखन का अशीर्वाद लें.
चित्रगुप्त जी की पूजा का शुभ मुहूर्त (Chitragupta Puja Shubh Muhurat 2021)
6 नवंबर 2021, शनिवार को दोपहर 1:15 मिनट से शाम को 3:25 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस समय में भगवान चित्रगुप्त की पूजा करना शुभ होता है.
चित्रगुप्त मंत्र:
इस दिन ओम श्री चित्रगुप्ताय नमः मंत्र का भी जाप करना उत्तम माना जाता है.
भगवान चित्रगुप्त पूजा और भैया दूज पूजा होगी शनिवार को
कलम-दवात के भगवान चित्रगुप्त पूजा और भैया दूज पूजा शनिवार को मनाई जाएगी. यह दोनों पर्व मुख्य रूप से कायस्थ परिवार के लोगों द्वारा धूमधाम से मनाए जाने की परंपरा रही है. पूजा की सारी तैयारी पूरी कर ली है. पूजनोत्सव को लेकर कायस्थ समाज के लोगों ने शुक्रवार को खाद्य सामग्री की जमकर खरीदारी की। वहीं हर्षमय वातावरण में पूजा संपन्न कराने के लिए पूजा समिति के युवक लगे हुए हैं.