Jharkhand news: ईसाई धर्मावलंबियों ने रविवार को खजूर पर्व मनाया. इस अवसर पर सुबह करीब 5 आरसी महागिरजाघर में फादर शैलेश की अगुवाई में मिस्सा का आयोजन किया गया. इसके बाद लोयोला हॉस्टल मैदान में खजूर के साथ हजारों की संख्या में विश्वासी शामिल हुए. जहां बिशप विनय कंडुलना ने खजूर डालियों को आशीष दिया. इसके बाद मैदान परिसर में ही जुलूस निकालते हुए सभी महागिरजाघर में आ गये. जहां बिशप विनय कंडुलना ने पूजन विधि को संपन्न किया. इस दौरान उन्होंने खजूर पर्व मनाये जाने के इतिहास को बताया.
प्रभु यीशु से जुड़कर सुख-शांति की करे कामना
इस दौरान बिशप श्री कंडुलना ने दुःख भोग का पाठ किया. उन्होंने कहा कि आज का रविवार खजूर रविवार या दुःख भोग का रविवार कहा जाता है. हम येशु के दुःख भोग और मरन को याद करते हैं. कहा कि जिस तरह खजूर की डाली जब पेड़ से जुड़ा रहता है, तो वह हरा-भरा रहता है. पेड़ से अलग कर देने पर वह सूख जाता है. उसी प्रकार हम येशु से जुड़े रहेंगे, तो जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी और हम धार्मिक रहेंगे.
खूजर पर्व में ये रहे उपस्थित
बिशप ने कहा कि जब हम ईश्वर से अलग होकर जीवन जीते हैं, तो हमारा जीवन भी सूखी डाली की तरह हो होता है. आज हम येशु के दुःख भोग और मरण के बारे में सुनते हैं. येशु का क्रूस बलिदान, तो मानव जाति के पाप और मृत्यु से मुक्ति का बलिदान था. इस अवसर पर फादर आईजैक खलखो, फादर बिशु बेंजामिन, फादर विमल मिंज, फादर विपिन तिर्की, फादर मसीह प्रकाश सोय, फादर अमित बारला, फादर जेवियर तोपनो सहित अन्य उपस्थित थे.
Posted By: Samir Ranjan.