Loading election data...

Christmas 2021: ब्रिटिश जमाने में बने खूंटी के सरवादा चर्च का झारखंड के बिरसा मुंडा से क्या है कनेक्शन

Christmas 2021: खूंटी जिले के मरहू का सरवादा चर्च झारखंड के धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के इतिहास से भी जुड़ा है. ये ब्रिटिश जमाने में बनाया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2021 2:20 PM

Christmas 2021: झारखंड के खूंटी जिले के मुरहू से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है सरवादा गांव. इस गांव में अंग्रेजों के शासन काल में बनाया गया चर्च आकर्षण का केंद्र है. सरवादा गांव में निर्मित रोमन कैथोलिक चर्च का इतिहास 136 साल पुराना है. चर्च के निर्माण के लिए तब लोग कंधे पर लकड़ी ढोकर लाते थे. इस चर्च के घंटाघर से पूरा क्षेत्र नजर आता है. सरवादा चर्च झारखंड के धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के इतिहास से भी जुड़ा है.

झारखंड के खूंटी जिले के मुरहू के सरवादा गांव में सरवादा चर्च की स्थापना 1881 में हुई थी. चर्च के शिलालेख के अनुसार 1874 में फादर स्टॉकमन सरवादा इलाके में यीशु का सुसमाचार सुनाने आये थे. इसके बाद फादर फीरेंस द्वारा बुरूडीह में 1878 से देहात गिरजा की शुरुआत की गयी थी. एक नवंबर 1881 को बुरूमा से गिरजा को सरवादा लाया गया था.

Also Read: Jharkhand News: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की दूसरी वर्षगांठ की तैयारियां तेज, इन योजनाओं की मिलेगी सौगात

बात 1885 की है. इस वर्ष झारखंड के खूंटी जिले के मुरहू के सरवादा गांव में चर्च का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. 1886 में सरवादा को पारिस का दर्जा दिया गया. 1893 में फादर हॉफमैन सरवादा आये थे. उनके आने के बाद 1909 में इस चर्च का निर्माण कार्य पूरा हुआ था. चर्च के निर्माण के लिए तब लोग कंधे पर लकड़ी ढोकर लाते थे. ईंट का गारा की जोड़ाई से बना यह चर्च आज भी जस का तस खड़ा है. चर्च के घंटाघर की ऊंचाई पर चढ़ने से पूरा क्षेत्र नजर आता है.

Also Read: जीजा ने साले को ईंट भट्ठे में 50 हजार रुपये में बेचा, खुली हवा में सांस लेने के बाद क्या बोला मुन्ना उरांव

ऐतिहासिक दृष्टिकोण से सरवादा चर्च का नाम काफी विख्यात है. सरवादा चर्च के अंतर्गत आरसी मिशन ब्वॉयज स्कूल सरवादा और संत जेवियर हाईस्कूल संचालित होता है. आदिवासी समुदायों के लिए बचत को लेकर एक बैंक का भी संचालन किया जाता है. फादर होपमैन के द्वारा धान बैंक की भी शुरुआत की गयी थी, लेकिन बाद में वह बंद हो गया. सरवादा चर्च झारखंड के धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के इतिहास से भी जुड़ा है.

Also Read: Jharkhand News: झारखंड के इस गांव में पानी के लिए क्यों भटक रहे हैं ग्रामीण, महिलाओं की क्या है पीड़ा

रिपोर्ट : चंदन कुमार

Next Article

Exit mobile version