Christmas 2022: क्रिसमस को लेकर हजारीबाग का गिरजाघर सज-धज कर तैयार, देखें तस्वीरें
हजारीबाग में क्रिसमस को लेकर धूम है. 25 दिसंबर की सुबह सात बजे से प्रार्थना की जायेगी. दो घंटे 30 मिनट में प्रभु यीशु का जन्मोत्सव याद किया जायेगा. बाइबल का पाठ पढ़े जायेंगे. नबियों की भविष्यवाणी की जायेगी.
हजारीबाग शहर के जूल पार्क स्थित प्रभु रूपांतरण महागिरजाघर सजधज कर तैयार हो रहा है. मिस्सा पूजा के लिए मंच और चरनी की सतावट काफी आकर्षक है. 24 दिसंबर की मध्यरात्रि प्रभं यीशु का का जन्म होगा. जन्म के समय चर्च का घंटा बजाया जायेगा. जिसकी आवाज चारों ओर सुनाई देगी. हजारीबाग शहर और आसपास ईसाई समुदाय के लोग काफी संख्या में उपस्थित रहेंगे. प्रार्थना व बाइबल का पाठ की आवाज चारों ओर गूंजेगी.
खुशी मनाओं गाओ रे, जन्मा येशु राजा. राजा जन्मा है येशु राजा. दूतों ने आकर चरवाहों को ये पैगाम सुनाया ,वो ये पैगामा सुनाया आओ देचो बेतलेहम में मुक्ति दाता आया. ताली बजाओं गाओ रे. ऐसे कई गीत सामूहिक रूप से गाये जायेंगे. चरनी उपरे पोराा सूखल उपरे तारा चमकाय मिस्सा पूजा में विशप आनंद जोजो समेत सभी धर्म गुरू और अनुयायी शामिल होंगे.
25 दिसंबर की सुबह का कार्यक्रम- 25 दिसंबर की सुबह सात बजे से 9.30 बजे तक प्रार्थना की जायेगी. दो घंटे 30 मिनट में प्रभु यीशु का जन्मोत्सव याद किया जायेगा. बाइबल का पाठ पढ़े जायेंगे. नबियों की भविष्यवाणी की जायेगी. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दूसरे भाग में पापों से मुक्ति के लिए प्रभु यीशु के जीवन की कथा लोगों के बीच कही जायेगी. प्रभु यीशु ने प्रेमपूर्वक दुनिया का दिल जीता है. उन्ही के कर्तवयों से मानव जीवन उंचाइयों को छू रहा है. जिस तरह कैंडल जला कर चर्च को रौशन किया जाता है. उसी आधार पर अपने जीवन का दीप जला कर प्रभ यीशु के मार्ग को अपना कर संसार के पापों से मुक्ति पायी जा सकती है.
विशप आनंद जोजो ने अपने संदेश में कहा कि समाज के सभी लोगों के बीच मेल मिलाप और गाढ़ा होना चाहिए. मेल मिलाप और जो भी रिश्ता टूट चुका है, उसे जोड़ने की जरूरत है. मानव जीवन तभी खुशहाल बन सकता है, जब धरती के इको सिस्टम को बनाए रखेंगे. धरती की रक्षा ही पर्याव्ररण की सुरक्षा है. विभाजन के रास्तों को बंद करें. मेल-प्रेम से जीना सीखें. स्वचछता पर ध्यान दें.
प्रोविंशियल फादर विंसेट हसदक का बयान- प्रोविंशियल फादर विंसेट हसदक ने कहा कि क्रिसमस ईसा मसीह यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जानेवाला त्योहर की तैयारी पूरी हो गयी है. सात से दो ईस्वी पूर्व के बीच ईसा मसीह का जन्म हुआ था. साल 336 ईस्वी में रोम में सबसे पहले क्रिसमस डे मनाय गया था. यह त्योहार प्रेम और सौदर्य की मिसाल कायम करता है. क्रिसमस से बारह दिन के उत्सव क्रिसमस टाइड की शी शुरूआत होती है. क्रिसमस के दिन केक विशेष पकवान के रूप में तैयार किये जा रहे हैं. क्रिसमस ट्री भी आकर्षक ढंग से सजाया गया है.
रिपोर्ट : दिलीप वर्मा, हजारीबाग