Christmas 2023: आगरा में इस जगह है ताजमहल से भी पुराना चर्च, अकबर ने कराया था निर्माण, देखें तस्वीरें
Christmas 2023: क्रिसमस (Christmas) हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे आगरा में स्थित उस चर्च के बारे में जो ताहमहल से भी अधिक पुराना है. आइए जानते हैं विस्तार से.
Christmas 2023: क्रिसमस (Christmas) हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था. क्रिसमस के दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं और एक दूसरे को उपहार भेज देते हैं. इस खास मौके पर भारत समेत पूरी दुनिया में जितने भी चर्च हैं उन्हें दुल्हन की तरह सजाया जाता है. लोग क्रिसमस के मौके पर चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं. हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे आगरा में स्थित उस चर्च के बारे में जो ताहमहल से भी अधिक पुराना है. आइए जानते हैं विस्तार से.
इस चर्च का निर्माण 1599 में मुगल सम्राट अकबर ने करवाया था. हालांकि इसे कई बार तोड़ा भी गया, लेकिन इसके बावजूद आज भी यह चर्च अपनी ऐतिहासिक विरासत को संजोए खड़ा है. इस चर्च में क्रिसमस के दिन सभी धर्म के लोग प्रार्थना करने जाते हैं.
आगरा का सबसे पुराना चर्चा कहां स्थित है
दरअसल क्रिसमस के मौके पर लोग अपने आसपास में स्थित चर्च में प्रार्थना के लिए जाते हैं. अगर आप आगरा मे हैं और इस साल क्रिसमस के दिन चर्च में जाकर प्रे करना चाहते हैं तो सबसे पुराना चर्च वजीरपुरा जा सकते हैं. इसे अकबर चर्च के नाम से भी लोग जानते हैं.
ताजहमल से भी पुराना है आगरा का यह चर्च
गौरतलब है कि क्रिससम के मौके पर लोग अपने नजदीक के चर्च में प्रार्थना के लिए जाते हैं. आगरा में ताजहमल से भी पुराना चर्च है. जिसका निर्माण खुद अकबर ने अपनी बेगम मरियम की इबादत के लिए करवाया था. इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि अकबर सभी धर्मों के बारे में जानना जाते थे.
इसी दौरान लाहौर से एक पादरी जेसुइट जेविरयर आगरा पहुंचा. उस पादरी ने अकबर के सामने इच्छा जाहिर की कि उसे शहर में एक स्थान दिया जाए जहां वह प्रभु ईसा मसीह की प्रार्थना कर सकें. तब अकबर ने मरियम के कहने पर उस पादरी के लिए वजीरपुरा में एक जगह दी, जहां पर यह चर्च बनाया गया है.
आक्रमण का कई बार हुआ शिकार
वैसे आगरा में स्थित इस चर्च का निर्माण अकबर ने 1599 ईसवी में करवाया था. अकबर के बाद इस चर्च को शहजादा सलीम ने एक विशाल रूप दिया था.कहा जाता है कि मुगल काल में ईसाइयों का यह पहला चर्च था.
पुर्तगालियों में मतभेद होने के कारण 1635 में इस चर्च को गिरा दिया गया. चर्च को भारी नुकसान भी पहुंचा था. कई बार इसमें आग भी लगी थी. बताया तो यह भी जाता है कि आक्रमणकारी अहमद शाह अब्दाली ने इस चर्च को क्षतिग्रस्त भी किया था, लेकिन इसका पुनः निर्माण कराया गया था. आज भी यह चर्च आगरा में स्थित है. क्रिसमस के मौके पर यहां लोग ईसा मसीह को याद करने के लिए आते हैं.