Christmas 2023 : प्रेम बांटकर शांति का संदेश देता है संत पीयूष चर्च
रांची धर्मप्रांत के बिशप पीयूष तिग्गा के नेतृत्व में स्थापित यह चर्च झोंपड़ीनुमा घर के रूप में था. कालांतर में यहां भव्य गिरजाघर का निर्माण हुआ. यहां न सिर्फ क्रिसमस, बल्कि मसीही समुदाय से जुड़े सभी पर्व-त्योहार में उत्सव-सा माहौल रहता है.
प्रभु यीशु के जन्मदिन यानी क्रिसमस के आगमन में सिर्फ चार दिन शेष रह गये हैं. मसीही समुदाय क्रिसमस की तैयारियां शुरू कर दिया है. गिरजाघरों के रंग-रोगन से लेकर अन्य तैयारियां चल रही हैं. जिले के गांडेय प्रखंड अंतर्गत महेशमुंडा स्थित सबसे पुराने चर्च संत पीयूष में भी क्रिसमस की तैयारी चल रही है. यहां ब्रिटिशकाल में मिशनरीज संस्था की स्थापना हुई थी. रांची धर्मप्रांत के बिशप पीयूष तिग्गा ने 1939 में महेशमुंडा में संत पीयूष चर्च की स्थापना की थी. महेशमुंडा की मिशनरीज संस्था ने कालांतर में शिक्षा के क्षेत्र में कदम बढ़ाया. वर्तमान में यह स्थान एजुकेशन हब के रूप में विकसित हो चुका है. यहां संत जॉन ब्रिटो मवि व उवि, निर्मला कन्या मवि व उवि समेत संत जोसेफ (इंग्लिश मीडियम) स्कूल संचालित हैं.
झोंपड़ी से शुरू हुआ था चर्च, वर्तमान में है भव्य गिरजाघर
रांची धर्मप्रांत के बिशप पीयूष तिग्गा के नेतृत्व में स्थापित यह चर्च झोंपड़ीनुमा घर के रूप में था. कालांतर में यहां भव्य गिरजाघर का निर्माण हुआ. यहां न सिर्फ क्रिसमस, बल्कि मसीही समुदाय से जुड़े सभी पर्व-त्योहार में उत्सव-सा माहौल रहता है. सबसे बड़ी बात कि यहां प्रतिदिन प्रार्थना सभा का आयोजन होता है और रविवार को विशेष मिस्सा पूजा का आयोजन किया जाता है. क्रिसमस के अवसर पर यहां 24 दिसंबर की रात एवं 25 दिसंबर की सुबह विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन होता है. अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं.
लोगों में प्रेम बांटने से कायम होगी शांति : फादर
महेशमुंडा मिशन के फादर मशिचरण ने कहा कि मिशनरीज संस्था हमेशा प्रेम बांट कर शांति का संदेश देती हैं. हमारा प्रयास लोगों को शिक्षित व विकसित करना है. कहा कि मिशन के माध्यम से महेशमुंडा में पांच के अलावा खोरीमहुआ, तिलेबोनी, तिलैया,जमुआ आदि इलाके में भी स्कूल का संचालन हो रहा है. उन्होंने क्रिसमस पर कहा कि प्रभु यीशु ने मानव समाज को प्रेम, दया और शांति का संदेश दिया है. हमें एक दूसरे के बीच खुशियां बांटने का कार्य करना चाहिए.
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