दो पक्षकारों को नहीं मिले नोटिस, अब जामा मस्जिद में कृष्ण की मूर्ति दबे होने के मामले की सुनवाई 11 को होगी
सुन्नी सेंट्रल बैंक बोर्ड लखनऊ और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान को नोटिस तामील नहीं होने के कारण कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख दी है.
आगरा. आगरा की सिविल अदालत ने अब जामा मस्जिद की सीढ़ियों में देव विग्रह भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति दबे होने तथा दबी हुई मूर्तियों को निकालने के मामले में 11 जुलाई को सुनवाई करेगी.सुन्नी सेंट्रल बैंक बोर्ड लखनऊ और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान को नोटिस तामील नहीं होने के कारण कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख दी है. कोर्ट कथावाचक देवकीनंदन महाराज की तरफ से दाखिल उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें, आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे श्रीकृष्ण की मूर्ति दबी होने का दावा किया गया है. इस मामले में कोर्ट ने पिछली सुनवाई में नोटिस जारी कर 31 मई को सभी पक्षों से जवाब दाखिल करने के का आदेश दिया था.
1670 में औरंगजेब ने मथुरा में मंदिर तोड़ा
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने दावा किया है कि आगरा की जामा मस्जिद में जो सीढ़ियां बनी हैं उनके नीचे श्रीकृष्ण भगवान की मूर्तियां हैं. 1670 में औरंगजेब ने मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर प्राचीन ठाकुर केशव देव मंदिर को तोड़कर उसके स्थान पर मस्जिद बनवाई थी.केशव देव मंदिर की मूर्तियों को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया.सनातन धर्म और हिंदुओं को अपमानित करते हुए मुस्लिम लोग इन सीढ़ियों पर चढ़कर मस्जिद में जाते हैं,और हमारे आराध्य भगवान की पवित्र मूर्तियां आज भी पैरों के नीचे रौंदी जा रही हैं.
आधा दर्जन पक्षकारों को भेजा नोटिस
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर आदि ने दावा को लेकर कोर्ट में पैरवी के लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट बनाया गया है. ट्रस्ट की ओर से 11 मई को सिविल कोर्ट में वाद दायर किया गया था. कोर्ट ने इस मामले में जमा मस्जिद इंतजामिया कमेटी, छोटी मस्जिद, दीवाने खास, जहांआरा मस्जिद आगरा किला, यूपी सेंट्रल वक्त बोर्ड लखनऊ और श्री कृष्ण सेवा संस्थान को नोटिस भेजा था.सभी को 31 मई को अपना पक्ष रखना था.
अमीन -पुरातत्व विभाग को 11 तक देनी है सर्वे रिपोर्ट
श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट के अधिवक्ता बृजेंद्र रावत ने बताया कि सुन्नी सेंट्रल बैंक बोर्ड लखनऊ और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान को नोटिस तामील नहीं हुए. जिसकी वजह से अब इन लोगों को दोबारा नोटिस भेजे जाएंगे. वहीं कोर्ट ने अमीन और पुरातत्व विभाग से सर्वे रिपोर्ट 11 जुलाई तक सौंपने के आदेश दिए हैं.