Civil Services Exam: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने कहा है कि सिविल सेवा परीक्षा (CSE) के अभ्यर्थी अपना आवेदन जमा हो जाने के बाद उसे वापस नहीं ले सकेंगे. यूपीएससी ने 2018 में आवेदन वापस लेने की सुविधा की घोषणा की थी. उसने यह कदम इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया था कि प्रारंभिक परीक्षा (PT) के लिए आवेदन फॉर्म भरने वाले 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों में से करीब 50 प्रतिशत ही परीक्षा में शामिल होते हैं.
यूपीएससी द्वारा हाल में जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि अभ्यर्थियों को आवेदन जमा हो जाने के बाद इसे वापस लेने की अनुमति नहीं होगी. आयोग ने कहा कि सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2023 का आयोजन 28 मई को किया जाएगा. यह प्रतिष्ठित परीक्षा तीन चरणों- प्रारंभिक, मुख्य और व्यक्तित्व परीक्षण में आयोजित की जाती है. जिसके जरिये भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय विदेश सेवा (ISF) सहित अन्य सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है.
अधिसूचना के अनुसार, परीक्षा के माध्यम से भरी जाने वाली रिक्तियों की संख्या लगभग 1,105 होने की उम्मीद है, जिसमें बेंचमार्क विकलांगता श्रेणी वाले व्यक्तियों के लिए आरक्षित 37 रिक्तियां शामिल हैं, यानी दृष्टिहीनता और कम दृष्टि वाले उम्मीदवारों के लिए 7 पद खाली है. बधिर और सुनने में मुश्किल के लिए 5 और लोकोमोटर विकलांगता के लिए 15 जिसमें सेरेब्रल पाल्सी, कुष्ठ रोग, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ितों और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी सहित अन्य शामिल हैं, रिक्तियों की अंतिम संख्या कैडर नियंत्रक अधिकारियों से रिक्तियों की निश्चित संख्या प्राप्त करने के बाद बदल सकती है .
यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 के जरिए 861 खाली पदों को भरने की घोषणा की थी. यह सिविल सेवा परीक्षा 2023 के माध्यम से भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (IRMS) के लिए भर्ती भी आयोजित करेगा. उम्मीदवार सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा के लिए वेबसाइट www.upsconline.nic.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन 21 फरवरी 2023 को शाम 6 बजे तक भरे जा सकते हैं.
आयोग ने इस परीक्षा के आवेदन विंडो के बंद होने के अगले दिन से इस परीक्षा के लिए आवेदन पत्र के किसी भी क्षेत्र में सुधार करने की सुविधा का विस्तार करने का निर्णय लिया है. यह विंडो इसके खुलने की तारीख से यानी 22.02.2023 से 28.02.2023 तक सात दिनों तक खुली रहेगी. अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार एक ऐसे कार्यबल के लिए प्रयासरत है जो लिंग संतुलन को दर्शाता है और महिला उम्मीदवारों को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.