कानपुर: कानपुर के नये टर्मिनल की शुरुआत के साथ फिर से एक नए युग का सूत्रपात हो रहा है. स्वतंत्र भारत में कानपुर ने औद्योगिक क्रांति की लौ न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश भर में फैलाने का काम भी किया था. देश के सबसे बड़े महानगरों में कानपुर की गिनती होती थी. जैसे-जैसे उद्योग धंधे बंद होते गए, यहां से पलायन होता गया, ये विकास में पिछड़ता गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करते हुए यह बातें कही.
सीएम योगी ने कहा कि कानपुर अपनी आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए विख्यात रहा है. उत्तर प्रदेश में जिन भी नगरों में एयर कनेक्टिविटी बेहतर हुई है, वहां पर नए उद्यम आए हैं. सीएम ने कहा कि कानपुर की सड़क कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है, उसे और बेहतर बनाने का कार्य हो रहा है. प्रदेश के अंदर हम वाटरवे अथॉरिटी के गठन की एक प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं. हम उन संभावनाओं पर काम करेंगे कि जैसे नेशनल वाटरवे नंबर 1 हल्दिया से वाराणसी तक शुरू हो चुका है और प्रयागराज तक बढ़ रहा है, उसी तरह कानपुर को भी इस वाटरवे की सुविधा के साथ जोड़ा जा सकता है.
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सीएम योगी ने कहा कि 2017 में यहां 2 एयरपोर्ट क्रियाशील थे और 2 आंशिक रूप से क्रियाशील थे. लेकिन आज 9 एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील हैं और 12 पर कार्य हो रहा है. हम कह सकते हैं कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में लगभग हर कमिश्नरी स्तर पर एक एयरपोर्ट अवश्य होगा और लोगों के आवागमन को और सरल बनाने के लिए कार्य होगा.
सीएम ने कहा कि कानपुर के बारे में 2017 के बारे में बहुत सारी धारणाएं लोगों के मन में थीं. एक तरफ उद्योग बंद हो रहे थे तो दूसरी तरफ गंगा में प्रदूषण के लिए लोग कानपुर को जिम्मेदार बताते थे. सीसामऊ नाले को टैप करके आज उसे सेल्फी प्वॉइंट बनाने का काम किया गया है. पीएम मोदी ने कानपुर को डिफेंस कॉरिडोर के एक नए नोड के रूप में विकसित करते हुए उसके पुरातन गौरव को वापस लाने का प्रयास किया है. आज डिफेंस प्रोडक्शन के अनेक उद्योग कानपुर के द्वार पर खड़े हैं.
इस मौके पर नागरिक उड्डयन और सड़क परिवहन व राजमार्ग राज्य मंत्री रि. जनरल डॉ.वी.के. सिंह, उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना, मंत्री राकेश सचान, प्रतिभा शुक्ल, सांसद देवेंद्र सिंह, सत्यदेव पचौरी, मेयर प्रमिला पांडे और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र भी मौजूद थे.