पश्चिम बंगाल : नानूर में तृणमूल के दो गुटों में संघर्ष एक की परिवार के चार घायल

काजल शेख और अनुब्रत मंडल के समर्थकों में आंतरिक कलह बढ़ गया है. आगामी लोकसभा चुनाव में इसका क्या नुकसान तृणमूल को होगा यह तो वक्त ही बताएगा. लेकिन जिले में तृणमूल के आपसी द्वंद के कारण पार्टी में आंतरिक फूट जारी है. जिसका फायदा आगामी चुनाव में भाजपा को मिल सकता है.

By Shinki Singh | February 7, 2024 12:03 PM

बीरभूम,मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के नानूर थाना इलाके के ब्राह्मण खंड गांव में मंगलवार देर शाम तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के दो गुटों में संघर्ष और मारपीट के दौरान तृणमूल समर्थित एक ही परिवार के चार लोग घायल हुए है. इस घटना के बाद से ही इलाके में उत्तेजना और तनाव देखा गया. पुलिस गांव में टहलदारी चला रही है. बताया जाता है की बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस की कोर कमेटी से काजल शेख को बाहर किये जाने के बाद अनुब्रत के समर्थक और काजल के समर्थक के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. एक बार फिर काजल के समर्थकों द्वारा अनुब्रत मंडल के अनुयायियों को पीटने का आरोप लगा है. इस बार एक ही परिवार के चार सदस्य प्रभावित हुए है.

एक ही परिवार के 4 सदस्य घायल

घायल अनुब्रत मंडल के समर्थकों का दावा है कि जब वे घर के बाहर बैठे थे तभी काजल के 10-12 समर्थकों ने अचानक उनके घर पर हमला कर दिया. पिटाई से दो महिलाएं घायल हो गयीं और परिवार के पुरुष सदस्य भी घायल हो गये. घटना में घायल हुए लोगों का देर रात अस्पताल में भर्ती किया गया . संयोग से, लोकसभा चुनाव से पहले खुद तृणमूल सुप्रीमो ने बीरभूम टीएमसी नौ सदस्यीय कोर कमेटी को भंग कर दिया था. अनुब्रत के जेल जाने के बाद ममता बनर्जी ने बीरभूम में किसी और को जिला अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया है.

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सीएम ने बीरभूम जिले में पांच सदस्यों की कोर कमेटी का किया गठन

कालीघाट में बैठक के बाद हाल ही में सीएम ने बीरभूम जिले में पांच सदस्यों की एक कोर कमेटी का गठन किया . लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले 9 सदस्यीय कोर कमेटी को भंग कर नई पांच सदस्यीय कोर कमेटी का गठन कर दिया गया. उस कमेटी में काजल शेख का नाम नहीं है. इसके बाद ही जिले में काजल शेख और अनुब्रत मंडल के समर्थकों में आंतरिक कलह बढ़ गया है. आगामी लोकसभा चुनाव में इसका क्या नुकसान तृणमूल को होगा यह तो वक्त ही बताएगा. लेकिन जिले में तृणमूल के आपसी द्वंद के कारण पार्टी में आंतरिक फूट जारी है. जिसका फायदा आगामी चुनाव में भाजपा को मिल सकता है.

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