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अलीगढ़: एएमयू में शोध छात्रा के यौन उत्पीड़न में प्रोफेसर को क्लीन चिट, बैठक से पहले लीक हुई रिपोर्ट

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक से पहले ही शोध छात्रा उत्पीड़न मामले में जांच रिपोर्ट लीक हो गई. काउंसिल की शनिवार को सर सैयद हाउस में बैठक होनी है.

Aligarh : एएमयू में एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक से पहले ही शोध छात्रा उत्पीड़न मामले में जांच रिपोर्ट लीक हो गई. काउंसिल की शनिवार को सर सैयद हाउस में बैठक होनी है. काउंसिल के 20 सदस्य शामिल होंगे. वही वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर आंतरिक शिकायत कमेटी की रिपोर्ट बैठक से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

कमेटी की रिपोर्ट हुई लीक

लीक रिपोर्ट में प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न के आरोपों में क्लीन चिट दे दी गई. एक्जीक्यूटिव कौसिंल की बैठक में शोध छात्रा के साथ उत्पीड़न प्रकरण पर चर्चा एग्जीक्यूटिव काउंसिल में होनी है. लीक रिपोर्ट में कमेटी ने बताया कि केस के दो पहलू है. पहला प्रोफेसर पीएचडी थीसिस सबमिट नहीं होने दे रहे, वही प्रोफेसर ने शोध छात्रा का यौन उत्पीड़न किया. पीएचडी शोध छात्रा ने प्रोफेसर पर नियत ठीक नहीं होने का आरोप लगाया. प्रोफेसर पर गंदे कमेंट और फायदा उठाने की बात कही थी.

जब पीएचडी छात्रा ने मना किया तो प्रोफेसर ने उनकी पीएचडी सबमिट करवाने से मना कर दिया, वहीं पीएचडी स्कॉलर ने परेशान होकर एएमयू रजिस्ट्रार के माध्यम से ई-मेल करके शिकायत की थी. रजिस्ट्रार ने मामला आंतरिक शिकायत कमेटी को सौंपा. वहीं लीक रिपोर्ट में कमेटी ने जांच में पाया गया कि प्रोफेसर पर उत्पीड़न की बात बेबुनियाद है.

प्रोफेसर पर चरित्र उत्पीड़न पर नहीं मिले तथ्य

पीएचडी छात्रा ने जिन पांच गवाहों के नाम दिये, उनमें सिर्फ दो कमेटी के सामने पेश हुए. उन दोनों ने भी सिर्फ यही कहा कि आरोपी प्रोफेसर शिक्षाविद् और अनुशासन को लेकर सख्त है. उत्पीड़न को लेकर कोई बात सामने नहीं आई है. पीएचडी छात्रा ने डिपार्टमेंट की एक महिला एसोसिएट प्रोफेसर को गवाह बनाया. लेकिन उन्होंने भी कोई ऐसी बात नहीं कही. बल्कि उन्होंने कहा कि प्रोफेसर अच्छे इंसान हैं. उनके बारे में कभी कोई बात नहीं सुनी गई. गवाहों ने भी प्रोफेसर के चरित्र उत्पीड़न के मुद्दे को पर कोई तथ्य या गवाही पेश नहीं की.

दबाव बनाने के लिए लगाया आरोप

लीक रिपोर्ट में बताया गया कि व्हाट्सएप चैट देखी गई, तो उसमें भी कुछ आपत्तिजनक नहीं निकला. कमेटी ने पाया कि उत्पीड़न की कोई बात सामने नहीं आई है. दबाव बनाने के लिए उत्पीड़न की कहानी बनाई गई. ताकि पीएचडी सबमिट हो जाएं. कमेटी ने कहा कि छात्रा की पीएचडी पर प्रोफेसर ने आपत्ति लगाई. जिसमें कंटेंट और भाषा में सुधार के लिए कहा गया. रिसर्च का कंटेंट चोरी किया हुआ पाया गया.

जिसे सही करने के लिए प्रोफेसर ने कहा था. लेकिन छात्रा चाहती थी कि पीएचडी जल्द सबमिट हो जाएं. क्योंकि काफी समय पहले निकल चुका था. इसलिए उत्पीड़न का सहारा लिया गया. वही, कमेटी की रिपोर्ट में मुख्य बात यह है कि जब स्कॉलर से पूछा गया कि आप क्या चाहते हैं, तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वह अपने सुपरवाइजर और सह-पर्यवेक्षक को बदलना चाहती हैं.

डिपार्टमेंट की इंटरनेल पालिटिक्स

आंतरिक शिकायत कमेटी की लीक रिपोर्ट यह भी कहती है कि संबंधित डिपार्टमेंट के शिक्षकों में आपस की सियासत है. जिस में छात्रा को मोहरा बनाया गया. किसी शिक्षक के प्रमोशन का मसला है. जिसका आरोपी प्रोफेसर समाधान नहीं होने दे रहे हैं. वही कमेटी ने कहा कि फर्जी आरोप लगाकर प्रोफ़ेसर का चरित्र हनन किया गया है.

रिपोर्ट- आलोक, अलीगढ़

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