कानपुर में 84 घंटे से धधक रहा कपड़ा बाजार, 1000 से अधिक दुकानें जलकर खाक, एनडीआरएफ की टीम ने कही ये बात…
कपड़ा बाजार में लगी आग की वजह से धुएं का गुबार देखकर कारोबारी बेहद गमगीन हैं. सुपर हमराज कॉम्प्लेक्स के दुकानदार नीरज बताते हैं कि उन्होंने इसी साल किराए पर दुकान लेकर कारोबार शुरू किया था. वह कहते हैं कि माल तो तबाह हुआ ही, साथ में कैश बॉक्स में रखे पौने दो लाख रुपये भी जलकर राख हो गए.
Kanpur: प्रदेश के कानपुर के बांसमंडी स्थित रेडीमेड मार्केट में हमराज समेत 6 कॉम्प्लेक्स की आग 84 घंटे बाद भी शांत नहीं हुई है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने मोर्चा संभाला हुआ है. एनडीआरएफ ने कड़ी मशक्कत के बाद आज आग पर पूरी तरह से काबू पाने की उम्मीद जताई है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम शटर काटकर कॉम्प्लेक्स के भीतर दाखिल हुई है. आसपास की बाकी दुकानों की आग बुझाने के प्रयास जारी हैं. अब तक 1000 से अधिक दुकानों का माल पूरी तरह राख हो चुका है.
84 घंटे से काबू पाने पर जुटे जवानबता दें कि कानपुर में गुरुवार की देर रात दो बजे से आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड, सेना और पुलिस के जवान डटे हुए हैं. हमराज कॉम्प्लेक्स के पीछे की ओर लगी आग बुझाने की कोशिश हो रही है. वहां से लगातार लपटें लगातार निकल रही हैं. आग को बुझाने के लिए आगरा से भी एक हाइड्रोलिक गाड़ी पहुंचने के बाद अब कुल तीन हाइड्रोलिक गाड़ियों के अलावा 60 से अधिक ज्यादा फायर ब्रिगेड की गाड़ियां अभियान में जुटी हैं. वहीं आरजे कॉम्प्लेक्स से लगे अरजन कॉम्प्लेक्स के पिछले हिस्से में लगी आग ने भी मुसीबत बढ़ा दी है.
कपड़ा बाजार में लगी आग की वजह से धुएं का गुबार देखकर कारोबारी बेहद गमगीन हैं. 84 घंटे से वह अपनी आंखों के सामने बर्बादी देखने को मजबूर हैं. ज्यादातर व्यापारी तीन रातों से सोए ही नहीं. आग की लपटें उनका दिल दहला रही हैं. पूछने पर कहते हैं कि लगता है नींद से किसी ने जगा दिया हो. सुपर हमराज कॉम्प्लेक्स के दुकानदार नीरज बताते हैं कि उन्होंने इसी साल किराए पर दुकान लेकर कारोबार शुरू किया था. वह कहते हैं कि माल तो तबाह हुआ ही, साथ में कैश बॉक्स में रखे पौने दो लाख रुपये भी जलकर राख हो गए.
Also Read: UP Politics: अखिलेश यादव के दलित वोट में निगाह से बसपा में बेचैनी, नए सियासी समीकरण बनते देख मायावती हमलावर… 20 साल की मेहनत आग में राखवहीं हमराज मार्केट में सात दुकानों के मालिक मनीष की सभी दुकानें राख हो गई. उनका कहना है कि 20 साल की मेहनत को आग ने चौपट कर दिया. अब तो कोई रास्ता ही नहीं सूझ रहा है कि आगे क्या करें. सब तबाह हो गया.