झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन ने पाकुड़वासियों को दी 153 करोड़ से अधिक की सौगात, इस अभियान को बताया गेम चेंजर
सीएम हेमंंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर, विद्यार्थी, युवा, महिला, बुजुर्ग, हर किसी के लिए सरकार की योजनाएं हैं. राज्य के लिए आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार अभियान गेम चेंजर साबित हो रहा है.
पाकुड़: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तीसरे चरण में आज शनिवार को पाकुड़वासियों को 153 करोड़ 81 लाख रुपए की 118 योजनाओं का तोहफा दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कई राज्य झारखंड के इस मॉडल को अपना कर गरीबों और जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ दे रहे हैं. आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर, विद्यार्थी, युवा, महिला, बुजुर्ग, हर किसी के लिए सरकार की योजनाएं हैं. राज्य के लिए यह अभियान गेम चेंजर साबित हो रहा है. कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं के लाभुकों को 126 करोड़ 94 लाख 50 हज़ार रुपए की परिसंपत्तियां वितरित कीं. उन्होंने 66 करोड़ 76 लाख 20 हज़ार रुपए की लागत से निर्मित 21 योजनाओं का उद्घाटन किया. 97 योजनाओं की आधारशिला रखी. इन योजनाओं पर 87 करोड़ 4 लाख 80 हज़ार रुपए खर्च होंगे. मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद विजय हांसदा, विधायक स्टीफन मरांडी, दिनेश विलियम मरांडी, जिला परिषद अध्यक्षा जूली ख्रिस्टमनी हेम्ब्रम, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, संथाल परगना प्रमंडल के आयुक्त लालचंद दादेल, पुलिस उप महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल और पाकुड़ जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
सफलता को देखकर शुरू किया गया है अभियान का तीसरा चरण
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम जिस मकसद से शुरू किया गया था, उसमें यह काफी प्रभावी, कारगर और सफल साबित हो रहा है. देश के कई राज्य झारखंड के इस मॉडल को अपनाकर गरीबों और जरूरतमंदों को उनके दरवाजे पर सरकार की सेवाओं और योजनाओं का लाभ दे रहे हैं. उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान के पिछले दो चरणों में रहय सरकार की आवाज और नज़रें गांव-गांव तक पहुंची हैं. लाखों लोगों को उनका हक-अधिकार मिला. यह कार्यक्रम राज्यवासियों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है. पिछले दो चरणों में इस अभियान को लोगों का जिस तरह से रिस्पांस और सपोर्ट मिला. उसी के मद्देनज़र इसका तीसरा चरण शुरू किया गया है. झारखंड अलग राज्य गठन के बाद पिछले दो दशकों के दौरान जन समस्याओं और लोगों की परेशानियों को दूर करने की दिशा में किसी तरह की गंभीरता नहीं दिखी. हमारी सरकार लोगों तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने के साथ उनकी समस्याओं का समाधान कर रही है. समाज के अंतिम व्यक्ति तक उनका हक और अधिकार दिया जा रहा है.
अबुआ आवास योजना से 8 लाख परिवारों को मिलेगा आवास
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार अब अपने बलबूते अबुआ आवास योजना के तहत 8 लाख परिवारों को आवास देगी. पाकुड़ जिले में कालाजार की बीमारी आम है. यह गरीबों की बीमारी है क्योंकि कच्चे और टूटे-फूटे मकान में रहने वालों को यह होती है. ऐसे में अबुआ आवास योजना के तहत इन घरों में रहने वाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर आवास उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि लगभग 20 लाख अतिरिक्त हरा राशन कार्ड जारी कर उन्हें अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा भी अनेक ऐसी योजनाएं हैं, जिसका वित्तीय भार राज्य सरकार अपने दम पर वहन कर रही है. ये योजनाएं सफलतापूर्वक संचालित हों, इसके लिए वित्तीय व्यवस्था मजबूत की जा रही है. जिस गांव-पंचायत में जाने के लिए रास्ता तक नहीं है, वहां अधिकारी योजनाओं की गठरी लेकर पहुंच रहे हैं और आपको उससे जोड़ने का काम कर रहे हैं. यहां लगने वाले शिविरों में अधिकारियों का दल आपकी हर समस्या के समाधान के लिए मौजूद हैं. आप इन शिविरों में आएं और योजनाओं से जुड़ें और दूसरों को भी जुड़ने के लिए प्रेरित करें.
अब पेंशन के लिए नहीं करना होगा इंतजार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पहले बुजुर्गों को पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था. जब तक विधवाओं की उम्र 40 वर्ष और दिव्यांगों की उम्र 18 वर्ष से अधिक नहीं हो जाती थी, उन्हें पेंशन योजना से नहीं जोड़ा जाता था, लेकिन हमारी सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लागू कर इन सारी बाध्यताओं को खत्म कर दिया है. आज सभी योग्य पात्रों को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है.
क्वालिटी एजुकेशन व रोजगार सरकार की प्राथमिकता
क्वालिटी एजुकेशन और नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने पर सरकार का विशेष फोकस है. निजी विद्यालयों की तर्ज पर सरकारी विद्यालयों के बच्चों को शिक्षा देने के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गए हैं. आदर्श विद्यालयों के गठन के साथ सरकारी विद्यालयों को पठन-पाठन से संबंधित संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. छात्रावासों का जीर्णोद्धार हो रहा है. इसके अलावा विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर मेडिकल इंजीनियरिंग और अन्य कोर्सेज करने के लिए आर्थिक सहायता सरकार दे रही है. दूसरी तरफ पढ़े-लिखे और कम पढ़े लिखे एवं स्वरोजगार के इच्छुक नौजवानों के रोजगार के लिए भी सरकार की कार्य योजना है. आज बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी दी जा रही है तो मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से युवाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि वे अपना रोजगार कर सकें.