संताल दौरे पर साहिबगंज पहुंचे CM हेमंत सोरेन बोले- लोगों का कल्याण व राज्य का विकास सरकार की है प्राथमिकता
साहिबगंज के हिसाघुट्टु मैदान में आयोजित कार्यक्रम में सीएम हेमंत सोरेन ने 28 योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया. वहीं, विभिन्न योजनाओं के 120 लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का भी विवरण किया. इस दौरान जरूरत के हिसाब से योजनाओं को बनाकर उसे धरातल पर उतारने का काम करने की बात कही.
Jharkhand News (साहिबगंज) : संताल परगना के दो दिवसीय दौरे पर साहिबगंज पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन ने 28 योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया. वहीं, विभिन्न योजनाओं के 120 लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का विवरण भी किया. इस दौरान सीएम श्री सोरेन ने कहा कि रोजगार सृजन सरकार की विशेष प्राथमिकता है, वहीं स्वरोजगार के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गयी है.
साहिबगंज जिला के बरहेट प्रखंड स्थित छूछी पंचायत स्थित हिसाघुट्टू मैदान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यह आपकी सरकार है. आपकी आकांक्षाओं, उम्मीदों और जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाएं और उसे धरातल पर उतारने का काम किया जा रहा है. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग, महिला, बुजुर्ग और युवाओं समेत सभी तबके और वर्ग के लोगों का कल्याण और विकास सरकार की प्राथमिकता है.
उन्होंने कहा कि गांव में जिस तरह लोग रह रहे हैं, उसी हिसाब से योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, ताकि हमारी समृद्ध परंपरा भी बची रहे और जीवन यापन भी सामान्य तरीके से चलता रहे. साथ ही कहा कि सरकार कि जो विकास और कल्याणकारी योजनाएं हैं, उसका लाभ हर किसी को मिलना चाहिए. योजनाओं का ग्रामीण स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए. जिला प्रशासन गांव और पंचायतों में बैठक कर लोगों को योजनाओं की जानकारी दें और उसका लाभ दिलाना सुनिश्चित करें.
Also Read: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी पहुंचे चतरा, बोले- हेमंत सरकार रोजगार व विकास के मुद्दे पर विफल कोरोना की कम हुई रफ्तार, विकास की तेज हो रही धारसीएम श्री सोरेन ने कहा कि पिछले ड़ेढ साल से अधिक समय से देश- दुनिया कोरोना महामारी को झेल रही है. झारखंड भी इससे अछूता नहीं है. इस महामारी ने पूरी व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया. देशभर में लाखों लोगों की जान चली गयी. इन सबके बीच राज्य सरकार ने बेहतर प्रबंधन कर कोरोना को नियंत्रित करने में काफी हद तक कामयाबी हासिल की है. खासकर कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूर भाइयों को हवाई जहाज, ट्रेन और बस से वापस लाने का काम किया.
उन्होंने कहा कि झारखंड वापस आने पर उनके लिए ना सिर्फ मुफ्त भोजन की व्यवस्था की गयी बल्कि उनके रोजगार के लिए कई योजनाएं भी शुरू की गयी. इसी का नतीजा है कि राज्य में एक भी व्यक्ति की मौत भूख से नहीं हुई. कहा कि अब कोरोना की रफ्तार कम हुई है. ऐसे में विकास की धार तेज की जा रही है. नई योजनाएं और नीतियां बनायी जा रही है, ताकि राज्यवासियों को उसका पूरा लाभ मिल सके. कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है. ऐसे में सतर्क रहें और सावधानी बरतें. इसके लिए आप टीका जरूर लें.
सीएम श्री सोरेन ने कहा कि रोजगार सृजन सरकार की विशेष प्राथमिकता है. एक ओर सरकारी विभागों में नियुक्ति प्रक्रिया तेज की जा रही है, तो दूसरी ओर स्वरोजगार के लिए कई योजनाएं बनायी गयी है और उसका तेजी से क्रियान्वयन हो रहा है.
Also Read: राज्य में विकास के लिए ‘टीम झारखंड’ बनाएं CM हेमंत सोरेन, पूर्व मंत्री सरयू राय ने दी सलाह योजनाओं से जुड़े ग्रामीणराज्य सरकार बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, फूलो झानो आशीर्वाद योजना और मुख्यमंत्री पशुधन योजना जैसी कई कल्याणकारी योजनाएं सरकार ने शुरू की है. उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे इन योजनाओं से जुड़े और पूरा लाभ उठाएं. कहा कि जिन लोगों का राशन कार्ड नहीं है उन्हें सरकार ने हरा राशन कार्ड उपलब्ध कराया. स्कूलों में बच्चों को अब सप्ताह में 6 दिन अंडा देने का सरकार ने निर्णय लिया है, वहीं 60 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को पेंशन मिलेगा.
कई योजनाओं की दी सौगातसीएम श्री सोरेन ने कार्यक्रम में 1875. 74 लाख रुपये की लागत से 28 योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया. इसमें 1845.53 लाख रुपये की 27 योजनाओं का शिलान्यास और 30. 21 लाख रुपये की एक योजना का उद्घाटन शामिल है. इस मौके पर उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के 120 लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया.
इस मौके पर सांसद विजय हांसदा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, संताल परगना के आयुक्त चंद्र मोहन कश्यप, डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल, डीसी और एसपी समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
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