Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरने ने कहा कि झारखंड में विकास की गति से विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है. विकास में कैसे बाधा आये, इसको लेकर वे लोग षडयंत्र रच रहे हैं. कोर्ट केस में फंसा कर जेल में डाल रहे हैं, ताकि मूलवासी-आदिवासी एकजुट नहीं हो सके. मुख्यमंत्री हेमंत सोरने ने उक्त बातें शनिवार को झामुमो के 51वें स्थापना दिवस पर गोल्फ मैदान में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि देशभर में झारखंड सबसे पिछड़ा राज्य है. 20 वर्षों में गुजरात व यूपी आगे निकल गया है, लेकिन झारखंड पीछे रह गया. योजनाबद्ध तरीके से झारखंड को पीछे धकेला गया है. यहां के कोयले से दूसरे राज्य का कारखाना चल रहा है. लेकिन हमें आर्थिक, मानसिक व सामाजिक रूप से मजबूत नहीं होने दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि झारखंड में दूसरे राज्य के लोग राज करते आ रहे थे. 20 साल में गांवदेहात के साथ सरकारी कर्मचारियों का भी शोषण किया गया. पहली बार मूलवासी व आदिवासी की सरकार बनी है. संघर्ष, बलिदान के बाद अलग राज्य मिला है. झारखंड अलग बनने के बाद आदिवासी बाबूलाल मरांडी को सीएम बनाया गया. दो से तीन साल में ही उन्हें हटा दिया गया. अर्जुन मुंडा भी सीएम बने, लेकिन उन्हें भी हटा दिया गया. भाजपा के िजस सीएम ने पांच साल पूरा किया वह छत्तीसगढ़ से आये थे. पहली बार आदिवासी- मूलवासी की सरकार बनी है जो पांच साल पूरा करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने अपना पाप हम पर मढ़ दिया है. सोरने परिवार है, तो उनकी राजनीतिक रोटी नहीं पक सकती है. सीएम ने कहा कि झारखंड में कोई काननू बनता है तो उसे असंवैधानिक कहा जाता है. अपने हक के लिए मूलवासी-आदिवासी आंदोलन करते हैं, तो उसे असंवैधानिक कहा जाता है. सरना धर्म का कोड लाया गया, उसे भी असंवैधानिक बताया गया. 1932 का खतियान लाया गया, उसे भी असंवैधानिक कहा गया. झारखंड में काननू बनता है और यूपी व बिहार के पेट में दर्द होता है.
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20 वर्षों में गुजरात व यूपी आगे निकल गया है, लेकिन झारखंड पीछे रह गया
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यहां के कोयले से दूसरे राज्य का कारखाना चल रहा है, जबकि हमें मजबूत नहीं होने दिया जा रहा
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विपक्ष ने अपना पाप हम पर मढ़ने का काम किया है
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1932 का खतियान लाया गया, उसे भी असंवैधानिक कहा गया
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झारखंड में कानून बनता है और यूपी व बिहार के पेट में दर्द होता है
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झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन ने कहा कि झारखंड में जल जंगल जमीन को बचाने की जरूरत है. पेड़- पौधों को बचाने से ही हम बचेंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास के लिए बच्चों को पढ़ाने की जरूरत है. शिक्षा के बगैर हम आगे नहीं बढ़ पायेंगे. हमारे यहां लोहा, कोयला जैसे खनिज है, लेकिन बाहर के लोग उसका लाभ इसलिए ले पा रहे हैं कि हम पढ़े-लिखे नहीं हैं. उन्होंने लोगों को आह्वान किया खेती पर ध्यान दें. जौ, मकई, धान खूब लगाएं. खेती करने से हम खुशहाल रहेंगे.