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केंद्र पर हमलावर ममता बनर्जी, कहा- ताजमहल से दूर नहीं होंगे हम, मां से मांगूंगी भीख, लेकिन दिल्ली में नहीं

केंद्रीय योजनाओं को लेकर पश्चिम बंगाल को मिलने वाली राशि रोक दिए जाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने राज्य की जनता से वादा किया है कि कल्याणकारी योजनाएं जारी रहेंगी. इसके लिए जरूरत पड़े तो मैं अपनी मां से भीख मांगूगी, लेकिन दिल्ली नहीं जाउंगी.

पश्चिम बंगाल को केंद्रीय योजनाओं को लेकर मिलने वाली राशि रोक दिए जाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. ममता बनर्जी ने यह वादा किया है कि पश्चिम बंगाल में कल्याणकारी योजनाएं जारी रहेंगी. इसके साथ ही उन्होंने हाल के समय में इतिहास में किए गए संसोधन के लेकर भाजपा पर निशाना भी साधा है.

‘ताजमहल से दूरी नहीं बनाएंगे हम’

लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहा कि “अगर आप मेरे साथ खड़े हैं तो और भी बहुत कुछ होगा. मैं कुछ भी ब्रेक नहीं करूंगी. हम किसी की नौकरी नहीं लेंगे. हम अचानक ताजमहल से दूरी नहीं बनाएंगे. हम अचानक विक्टोरिया मेमोरियल से दूरी नहीं बनाएंगे. इतिहास, इतिहास है. हममें से किसी के पास इतिहास को बदलने की शक्ति नहीं है. इसलिए भारत का इतिहास भारत का खजाना है. ममता बनर्जी ने यह सभी बातें कोलकाता के अलीपुर में धनधन्यो ऑडिटोरियम के उद्घाटन के दौरान कहा. उन्होंने कहा कि “भारत की धर्मनिरपेक्षता बंगाल का खजाना है.

‘मां से भीख मांगूंगी, लेकिन भीख मांगने लेकिन दिल्ली नहीं जाउंगी’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि “मुझे अपने सभी विचार आप सभी से मिले हैं. मेरे पास अपने दम पर कुछ भी नहीं है. मैं सिर्फ एक चीज चाहती हूं कि लोग मुझे कभी गलत न समझें. केंद्रीय योजनाओं को लेकर पश्चिम बंगाल को मिलने वाली राशि केंद्र की तरफ से बकाया होने पर ममता बनर्जी ने कहा कि “बहुत सारा पैसा बकाया है, जो रोक दिया गया है. मैंने सुना है कि वे इसे 2024 तक हमें नहीं देने वाले हैं. वे इसे न दें, जरूरत पड़ने पर मैं अपनी मां से भीख मांगूंगी. लेकिन मैं भीख मांगने दिल्ली नहीं जाऊंगी. हम किसी तरह प्रबंधन करेंगे, आपके आशीर्वाद, शुभकामनाओं और सहयोग के साथ.

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क्या है मामला

दरअसल, तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी बंगाल का फंड रोककर 2021 के चुनावी नुकसान का बदला ले रही है. वहीं, बीजेपी का कहना है कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हैं और इसलिए राज्य को मिलने वाली धनराशि रोकी जा रही है. तृणमूल कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि धन की रोक अवैध थी.

महुआ मोइत्रा ने भी साधा निशाना

वहीं तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि “MGNREGS को एक विचार के साथ स्थापित किया गया था – कि गरीब से गरीब व्यक्ति को कम से कम 100 दिनों का गारंटीकृत रोजगार मिले. गारंटी भारत सरकार द्वारा दी गई थी. कानून यह भी कहता है कि अगर किसी भी मजदूर को 15 दिनों के भीतर मजदूरी नहीं मिलती है तो वे मुआवजे के हकदार हैं. दिसंबर 2021 से, पश्चिम बंगाल को MGNREGS भुगतान में 7,500 करोड़ रुपये से वंचित कर दिया गया है. इसमें से, 2,800 करोड़ रुपये केवल मजदूरी भुगतान से संबंधित हैं, लेकिन इसे ठंडे बस्ते में रखा गया है.”

कहा- संविधान के अनुच्छेद 23 का स्पष्ट उल्लंघन

महुआ मोइत्रा ने कहा कि “2017 में, स्वराज अभियान द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया गया था. शीर्ष अदालत द्वारा दो मजबूत आदेश दिए गए हैं जो स्पष्ट रूप से कहते हैं कि मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान न करना मजबूर श्रम है और अनुच्छेद 23 के उल्लंघन में है. इससे पता चलता है कि बंगाल में जो हो रहा है वह संविधान के अनुच्छेद 23 का स्पष्ट उल्लंघन है. तृणमूल कांग्रेस इसे जाने नहीं देगी.

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बीजेपी ने क्या कहा

हालांकि, बीजेपी का कहना है कि खर्च का हिसाब मिलते ही फंड जारी कर दिया जाएगा. झारखंड भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा कि, “टीएमसी एक कंपनी है जो एजेंटों की तरह काम करती है. दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मुख्यमंत्री राज्य के वित्त को इस स्तर पर ले गई हैं कि वह किसी को कुछ भी नहीं दे पाएंगी.”

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