पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने राज्य सचिवालय नबान्न में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राशन वितरण योजना के तहत केंद्र सरकार पर राज्य का लगभग 7000 करोड़ रुपये बकाया है, इसलिए राज्य सरकार राशन वितरण के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रोमोट नहीं करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले राज्य का पैसा रोककर राशन प्रणाली का उपयोग करने के प्रधानमंत्री के प्रचार अभियान को राज्य सरकार स्वीकार नहीं करेगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र के निर्देशों का पालन करना संभव नहीं है. साथ ही मुख्यमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री अन्न योजना’ को लेकर बंगाल पर लग रहे आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि राज्य अपने पैसे से आम लोगों को राशन देती है. यह केंद्र के पैसों निर्भर नहीं है. इसे लेकर राज्य ने पूरी तैयारी कर ली है.
गत वर्ष दिसंबर में मुख्यमंत्री ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर बंगाल के बकाये को लेकर उनसे गुहार लगायी थी. पीएम मोदी ने बकाया भुगतान का आश्वासन भी दिया था, लेकिन अभी तक राज्य को बकाया फंड नहीं मिला है. मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया है कि बकाया राशि में 7000 करोड़ राशन वितरण प्रणाली का भी है, लेकिन केंद्र कोई पैसा नहीं दे रहा है. केंद्र सरकार राशन क्षेत्र में राज्य सरकार का बकाया पैसा रोक रही है. केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले राशन ग्राहकों को प्रधानमंत्री की तस्वीर वाला एक विशेष बैग सौंप कर प्रधानमंत्री का प्रचार करना शुरू कर दिया है.
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जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले खाद्य सामग्री लेने के लिए विशेष प्लास्टिक बैग लाने जा रही है. 10 किलोग्राम वजन ले जाने वाले बैगों पर प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ-साथ विभिन्न सरकारी परियोजनाओं का भी जिक्र होगा. बंगाल समेत पूरे देश के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के दायरे में आनेवाले 20.03 करोड़ लोगों तक यह बैग पहुंचाने की योजना है. खाद्य मंत्रालय इसके लिए पहले ही लगभग 300 करोड़ रुपये मंजूर कर चुका है. पूरे देश में कुल 20 करोड़ 3 लाख 49 हजार 469 बैग देने का निर्णय लिया गया है. यह भी तय किया गया है कि प्रत्येक छह महीने के अंतराल पर लोगों को यह बैग दिया जायेगा.