नई दिल्ली : पूरे देश में आज ईद-उल-फितर का पवित्र त्योहार मनाया जा रहा है. इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मंगलवार को कोलकाता की रेड रोड पर ईद के अवसर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में उन्होंने करीब 14,000 से अधिक लोगों को संबोधित करते हुए बिना नाम लिये भाजपा पर निशाना साधा. अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भारत में चल रही अलगाव की राजनीति नहीं है.
किसी को मेरी पार्टी या सरकार से डरने की जरूरत नहीं
बता दें कि मंगलवार को कोलकाता की हुई बारिश की वजह से पूरा इलाका पूरी तरह से पानी से लबालब भर गया है. ऐसे में भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रेड रोड पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने गईं. उन्होंने यहां पर एकत्र हुए लोगों ने बिना भय के बेहतर भविष्य के लिए एकजुट होने की अपील की. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि देश में हालत ठीक नहीं है. फूट डालो और राज करो की नीति और देश में चल रही अलगाव की राजनीतिक सही नहीं है. उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि न तो मैं, न ही मेरी पार्टी और न ही मेरी सरकार ऐसा कुछ भी करेगी, जिससे आप दुखी हों.
भाजपा ने आयोजित की गणतंत्र प्रतिष्ठा संकल्प रैली
ईद के मौके पर रेड रोड के कार्यक्रम से ममता बनर्जी का यह बयान तब अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, जब एक दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर कोलकाता में भाजपा की ओर से गणतंत्र प्रतिष्ठा संकल्प रैली का आयोजन किया गया. इस रैली में राज्य के भाजपा कार्यकर्ताओं से निकाय चुनाव में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की गई.
Also Read: दिल्ली के राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होंगी ममता बनर्जी, लेकिन पीएम मोदी से नहीं करेंगी मुलाकात
शुभेंदु अधिकारी ने लगाया अत्याचार का आरोप
कोलकाता में सोमवार को आयोजित गणतंत्र प्रतिष्ठा संकल्प रैली में विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर भारी अत्याचार किए गए. उन्होंने दावा किया कि चुनावों के बाद हुई हिंसा का पैमाना ब्रिटिश राज के दौरान किए गए अत्याचारों से भी ऊपर था. उन्होंने कहा कि खेला होबे नारा लगाते हुए सत्तारूढ़ दल ने भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर हमला किया, उनमें से कई की हत्या कर दी और कई अन्य लोगों को घर छोड़कर पड़ोसी असम में जाने के लिए विवश किया.