पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने निचले स्तर के सरकारी कर्मचारियों के कामकाज के तरीकों पर नाराजगी व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय में नबान्न भवन में विभिन्न विभागों के सचिवों और सभी जिलों जिलाधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने सरकारी अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग अच्छा काम नहीं करेंगे और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही करेंगे, उन्हें बर्खास्त कर दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि वह जल्द ही जिले के दौरे पर निकलेंगी और जिलों में हुए कार्यों का जायजा लेंगी.
उल्लेखनीय है कि अगले कुछ महीने में लोकसभा चुनाव होने वाला है और उससे पहले राज्य सरकार ने दुआरे सरकार कार्यक्रम आयोजित किया है, जिसके तहत 31 जनवरी तक लोगों को सेवाएं प्रदान की जायेंगी. लेकिन इसी बीच, मुख्यमंत्री ने मंगलवार को एक और कार्यक्रम की घोषणा की थी. आगामी 20 जनवरी से 12 फरवरी तक राज्य भर में बूथ स्तर पर जन संयोग कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा. इसकी तैयारियों को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री ने यह बैठक की. मुख्यमंत्री ने राज्य प्रशासन के अधिकारियों समेत विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ बैठक की कि जनता के साथ प्रशासन का जनसंपर्क कैसे बढ़ाया जाए, इस पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया.
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बैठक में विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी भी वर्चुअली उपस्थित थे. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री राज्य सरकार के लोकप्रिय कार्यक्रम ”दुआरे सरकार” के बारे में मिली शिकायतों को लेकर नाराज दिखीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि दुआरे सरकार योजना के तहत लोगों को उचित सेवाएं नहीं मिल रही है. लक्ष्मी भंडार और स्वास्थ्यसाथी योजना के लिए आवेदन करने के बावजूद अब तक उसे अनुमोदन नहीं दिया गया है, जिससे उनको इसका लाभ नहीं मिल पा रहा. बैठक में मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति प्रमाणपत्र जारी करने में सरकारी अधिकारियों की उदासीनता पर भी नाराजगी व्यक्त की.
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उन्होंने कहा, ”जो लोग एससी नहीं हैं, उन्हें एससी का सर्टिफिकेट क्यों दिया गया? जो लोग एसटी नहीं हैं, उन्हें एसटी प्रमाणपत्र कैसे दिया जा रहा है ? मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को ऐसे मामलों की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने भूमि एवं भूमि सुधार विभाग को भी अधिक सतर्क रहने का निर्देश दिया. उन्होंने जमीन के पट्टे को लेकर उत्पन्न हुई समस्या का समाधान करने का भी निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने जल स्वप्नो परियोजना के काम पर भी असंतोष जताया. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर पाइप लगाया तो गया है, लेकिन जलापूर्ति नहीं हो रही. उन्होंने कहा कि पहले लोगों को पानी का कनेक्शन दीजिए.