Gorakhpur: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तथागत बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर से खास लगाव है. वंचितों में वंचित मुसहरों को समाज व विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के साथ कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज की सौगात देकर तथा इस साल के बजट में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा कर वह इसे जाहिर भी कर चुके हैं. कुशीनगर के साथ अपने खास जुड़ाव के क्रम में वह बुधवार को कुशीनगर जिले को करीब दो हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात देंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को खड्डा तहसील में आयोजित समारोह में 422 करोड़ की लागत से 329 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 1546 करोड़ की लागत से विभिन्न विधानसभाओं में 461 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे. लोकार्पण वाले कार्यों में 9 करोड़ से अधिक की लागत वाले खड्डा तहसील भवन, लोक निर्माण विभाग की 261 करोड़ की परियोजनाएं, बाढ़ खण्ड की 88 करोड़ की परियोजनाएं और विधानसभा खड्डा में कुल 194 करोड़ की लागत से 17 परियोजनाएं के कार्य शामिल है.
बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ कुशीनगर जिले की समस्याओं को लेकर संजीता रहे हैं. खुद का संसदीय क्षेत्र नहीं होने के बावजूद उन्होंने कुशीनगर जनपद के मुसहरों की बदहाली, इंसेफेलाइटिस जैसे मुद्दों को लेकर सड़क से सदन तक की लड़ाई लड़ी है. मुख्यमंत्री बनने के बाद इन समस्याओं के निदान को लेकर उठाए गए कदमों से जहां जनपद के मासूम इंसेफेलाइटिस के दंश से बचने लगे तो वहीं मुसहरों के जीवन में जबरदस्त सकारात्मक बदलाव आया.
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मुख्यमंत्री की पहल पर कुशीनगर में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए मेडिकल कालेज का निर्माण कराया जा रहा है. जिले में पर्यटन विकास की संभावनाओं को वैश्विक फलक देने के लिए यहां अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट भी बन चुका है. कृषि आधारित जनपद में उन्होंने इस साल के बजट में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था करके कुशीनगर में विकास की रफ्तार बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार दोपहर गोरखपुर के गोला तहसील के भरौली में बाबू आरएन सिंह डायलिसिस सेंटर का लोकार्पण करेंगे. इस अवसर पर वह भरौली के रामसखी रामनिवास शिक्षण संकुल परिसर में स्वर्गीय सिंह की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे.
सेंटर का संचालन स्वर्गीय आरएन सिंह द्वारा स्थापित संस्था बीआईएस (बॉम्बे इंटेलीजेंस सिक्योरिटी) करेगी. इसमें किट समेत सभी खर्चे सेंटर की तरफ से ही वहन किए जाएंगे. यहां रोगियों को सिर्फ एक रुपये खर्च कर पंजीकरण कराना होगा. डायलिसिस सेंटर के संचालन पर प्रतिमाह दस से ग्यारह लाख रुपये खर्च का अनुमान है. इस रकम की व्यवस्था के लिए बीआईएस ने 25 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट कराए हैं. नि:शुल्क डायलिसिस सेंटर से गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ व वाराणसी मंडल के किडनी रोगियों को काफी राहत मिलेगी.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप,गोरखपुर