सहारनपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बाढ़ के हालात की जानकारी ली. ग्राउंड जीरो पर उतरकर वह सबसे पहले कस्बा सुल्तानपुर-चिलकाना के मंडी परिसर पहुंचे. वहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों में राहत सामग्री एवं सहायता राशि बांटी. अधिकारियों को बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद करने के लिए निर्देशित किया. साथ ही बाढ़ पीड़ितों को आश्वस्त किया कि सरकार हर प्रकार से उनके साथ है.
सीएम योगी इसके बाद जीवी जैन डिग्री कॉजेल में स्थित बाढ़ राहत शिविर पहुंचे. वहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि जिन किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है, हम उसका सर्वे कराएंगे और तुरंत आर्थिक सहायता देंगे. नदियों के कटान से जिन खेतों को नुकसान हुआ है, उसे बाढ़ उतरने के साथ ही ठीक कराया जाएगा. बाढ़ पीड़ितों और आपदा की चपेट में आने वाले लोगों के लिए राहत शिविर लगाये गये हैं. सरकार बाढ़ पीड़ितों के भोजन, स्वास्थ्य और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर रही है.
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मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि पश्चिमी यूपी के कुछ जनपदों में बाढ़ और जल जमाव के मामले सामने आये हैं. यमुना, हिंडन, धनोला और पांवधोनी नदियों में बाढ़ और जलजमाव का हवाई और जमीनी निरीक्षण किया गया है. सहारनपुर शहर के 28 मोहल्ले और ग्रामीण इलाकों के 118 गांव की कुल पौने तीन लाख की आबादी प्रभावित हुई है. 13 हजार एकड़ कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आई है. सात जनहानि और तीन पशुहानि भी हुई है. जो मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं उनके लिए मुआवजा और तिरपाल की व्यवस्था की गई है. सभी संबंधित विभागों को भी अलर्ट कर दिया गया है.
सहारनपुर शहर के बीच से बहने वाली पांवधोई और ढमोला नदी उफान पर हैं. जिसके बाद प्रशासन की ओर से तत्काल कंट्रोल रूम बनाया गया और एनडीआरएफ की टीमों ने लोगों को रेस्क्यू किया. हालांकि लोगों के घरों में पानी चला गया है. इन पीड़ितों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है. एक शिविर आवास विकास कालोनी में जेवी जैन डिग्री कॉलेज में बनाया गया है. जहां पहुंचकर मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की.
सीएम योगी ने पुलिस लाइन सभागार में जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अफसरों के साथ बैठक में बाढ़ पीड़ितों के रहने और खानपान की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये कहा. निर्देश दिये ककि सुबह नाश्ता, लंच और डिनर की व्यवस्था दुरुस्त रखी जाए. बच्चों को भी नियमित रूप से ब्रेड, दूध, बिस्किट मिले. जरूरत पर इलाज भी किया जाए.
सीएम ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों को 10 किलो आलू, 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 2 किलो अरहर दाल, 1 किलो नमक, हल्दी, धनिया, दूध, रिफाइंड तेल, चना, गुड़, माचिस, बिस्किट और महिलाओं के लिए डिग्निटी किट वितरित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये.
मुख्यमंत्री ने मोबाइल चिकित्सा दल को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पूरी तरह एक्टिव और राउंड पर रहने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में डॉक्टरों और मोबाइल मेडिकल टीम के पास हर हाल में एंटी वेनम, एंटी रेबीज और हर तरह के विषैले जानवरों के काटने से बचाने वाला इंजेक्शन हो. बाढ़ प्रभावित और बाढ़ राहत शिविरों में पुलिस की पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारी से यदि पशु हानि होती है, तो पशुपालक को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए. राहत शिविरों में समुचित सफाई और लाइटिंग हो.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से बाढ़ का पानी उतरने के बाद प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर सफाई कराने के लिये कहा. जिससे इन क्षेत्रों में संक्रामक बीमारी फैलने न पाए. उन्होंने बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त होने वाले सड़कों और गलियों की भी शीघ्र मरम्मत कराए जाने का निर्देश दिया. इस दौरान प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, देवबंद से विधायक एवं मंत्री कुंवर बृजेश सिंह, विधायक कीरत सिंह, डॉ. दिनेश चंद्र, एसएसपी विपिन ताडा मौजूद थे.
सीएम योगी ने कहा कि सरकार बाढ़ पीड़ितों की सहायता के साथ ही आस्था का सम्मान करने के लिए भी कटिबद्ध है. कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखने के लिए सीएम ने अफसरों को निर्देशित किया. सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शनिवार को सहारनपुर में कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जाए. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मेरठ, मुजफ्फरनगर और शामली में कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की गयी है.