Jharkhand News: सख्ती से लागू होगा सीएनटी-एसपीटी एक्ट, वापस दिलायी जाएगी आदिवासियों को जमीन

cnt spt act ranchi : भू-राजस्व सचिव केके सोन ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और उपायुक्तों को पत्र लिखकर सीएनटी और एसपीटी एक्ट के नियमों में उल्लंघन नहीं होने देने और ST, SC व पिछड़ा वर्ग के सदस्यों के हितों का संरक्षण करने के निर्देश दिये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 10, 2020 10:55 AM

झारखंड के भू-राजस्व सचिव केके सोन ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और उपायुक्तों को पत्र लिखकर सीएनटी और एसपीटी एक्ट के नियमों में उल्लंघन नहीं होने देने और एसटी, एससी व पिछड़ा वर्ग के सदस्यों के हितों का संरक्षण करने के निर्देश दिये हैं. सचिव ने विभाग के कार्यों को लेकर प्राथमिक स्तर पर ठोस कार्रवाई करने के लिए कहा है. पत्र में कहा गया है कि अनुसूचित जनजातियों की भूमि वापसी के मामले सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं.

अनुसूचित जनजातियों की भूमि वापसी के मामले विभाग की प्राथमिकता में हैं. इनसे जुड़े मामलों में विशेष अभियान चलाकर अंचलाधिकारियों को दखल-दिहानी दिलाने का निर्देश दिया गया है. कहा गया है कि वैसे सभी मामलों में, जिनमें एसएआर कोर्ट के फैसलों के विरुद्ध रिवीजन, अपील या स्थगन का आदेश नहीं है, उनमें आवश्यकतानुसार दंडाधिकारी और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करते हुए दखल-दिहानी दिलाने की कार्यवाही शुरू करें.

सचिव ने कहा है कि भुंइहरी, गैरमजरूआ, आदिवासियों की भूमि की अवैध खरीद-बिक्री, दाखिल-खारिज को प्रतिबंधित करने के लिए विभागीय स्तर पर कई आदेश दिये गये हैं. सीएनटी की धारा-46 और 49 का सख्ती से अनुपालन कराने के लिए कई पत्र दिये गये हैं. जिलों में मुंडारी खूंटकट्टी समिति का गठन किया गया है. लेकिन, उसकी बैठकों की कार्यवाही विभाग को नहीं भेजी जा रही है.

राज्य में अवैध या संदेहास्पद जमाबंदी को अभियान चला कर जांच करते हुए रद्द करने का निर्देश दिया गया है. सुयोग्य भूमिहीनों को चिह्नित कर उनको भूमि उपलब्ध कराते हुए उनके नाम से कायम जमाबंदी नियमित करने के लिए कहा गया है. निबंधन और क्षेत्रीय राजस्व कार्यालयों में अनियमितता की शिकायत पर जतायी नाराजगी.

पत्र में श्री सोन ने कहा है कि राज्य भर से जमीन के निबंधन और क्षेत्रीय राजस्व कार्यालयों के क्रिया-कलाप में भारी अनियमितता की शिकायत मिल रही है. यह अत्यंत खेदपूर्ण है. विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव द्वारा दिये गये निर्देशों पर भी अपेक्षित कार्रवाई नहीं की जा रही है.

दाखिल-खारिज के आवेदनों का निष्पादन 30 दिनों की निर्धारित अवधि में नहीं किया जा रहा है. सीएनटी के तहत भी दाखिल-खारिज के आवेदनों का निष्पादन तय समय में नहीं हो रहा है. मानकी, मुंडा, ग्राम प्रधान, मूल प्रधान, घटवार, डकुवा आदि पारंपरिक पदधारकों को दी जानेवाली सम्मान राशि आवंटन की अधियाचना समय पर नहीं भेजी जा रही है. इससे विभाग की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

  • भू-राजस्व सचिव केके सोन ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और उपायुक्तों को जारी किया आदेश

  • सीएनटी/एसपीटी एक्ट का नहीं हो उल्लंघन, एसटी एससी व पिछड़ा वर्ग के हितों का संरक्षण करें

मॉडर्न रिकार्ड रूम को गो-लाइव करने का निर्देश, लक्ष्य को लेकर चिंता : सचिव ने कहा है कि मॉडर्न रिकॉर्ड रूम को गो-लाइव करने का निर्देश क्षेत्रीय पदाधिकारियों को दिया जाता रहा है. फिर भी कुछ जिलों में अब तक लक्ष्य हासिल नहीं हो सका है. चालू महीने के अंत तक सभी मॉडर्न रिकार्ड रूम को लाइव किया जाना चाहिए. सचिव ने कहा है कि प्रमंडलीय स्तर से आयुक्तों द्वारा जिलों के निरीक्षण से भी संतोषप्रद फलाफल प्राप्त नहीं हो रहा है. प्रमंडल और जिला स्तर पर राजस्व कार्यों का नियमित रूप से निरीक्षण सुनिश्चित करते हुए कार्यवाही की प्रति विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जायेग.

Posted by : pritish sahay

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