Coal India: ई-ऑक्शन के माध्यम से कोयले की बिक्री बढ़ाने के लिए कोल इंडिया प्रबंधन ने कैलेंडर जारी किया है. इ-ऑक्शन से कोयला की बिक्री में 80 प्रतिशत वृद्धि करने की योजना है. इसके लिए कोल इंडिया प्रबंधन ने चालू वित्त वर्ष में 97.43 मिलियन टन (एमटी) कोयला बिक्री की योजना तैयार की है, जो पिछले वर्ष के 53.91 मिलियन टन से करीब 81 फीसदी अधिक है. इसमें से 52.88 फीसदी कोयला बुक हुआ था. नीलामी कैलेंडर के मुताबिक कोल इंडिया ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 21.86 मिलियन टन कोयला बिक्री की पेशकश की है, जो कि बीते साल की इस अवधि की तुलना में 115 फीसदी अधिक है. शेष 75.56 मिलियन टन कोयले की बिक्री अंतिम नौ महीनों के दौरान विभिन्न चरणों में आयोजित नीलामी में की जायेगी.
चालू वित्तीय वर्ष में इ-ऑक्शन से सर्वाधिक 40.16 मिलियन टन कोयले की बिक्री एसइसीएल से करने की योजना है, जबकि बीसीसीएल से 4.98 मिलियन टन, इसीएल से 12.07 मिलियन टन व सीसीएल से 4.47 मिलियन टन कोयले की बिक्री इ-ऑक्शन के माध्यम से करने की योजना है. वहीं एमसीएल से 22.33 एमटी, एनसीएल से 8.76 एमटी, डब्ल्यूसीएल से 4.44 एमटी व एनइसी से 0.22 एमटी कोयला बिक्री की योजना है.
जानकारी के मुताबिक कोल इंडिया अपने वार्षिक उत्पादन का 10 फीसदी प्रतिस्पर्धी बोली के आधार पर नियमित इ-ऑक्शन के माध्यम से बिक्री के लिए कोयले का निर्धारित करती है, जबकि अधिकांश बिक्री ईंधन आपूर्ति समझौते (एफएसए) के तहत निश्चित मूल्य अनुबंधों के माध्यम से की जाती है. हालांकि कंपनी उपलब्धता के आधार पर कोयले की पेशकश को विनियमित करके इस मानदंड को तोड़ रही है. इस वर्ष, इसने आपूर्ति पक्ष में सुधार के मद्देनजर 780 मिलियन टन के अनुमानित उत्पादन के आधार पर इ-ऑक्शन के लिए वास्तविक मानदंड से अधिक मात्रा आवंटित किया है.
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