कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा है कि अग्नि प्रभावित व भू-धंसान क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित करना प्राथमिकता है. इसलिए मामले को गंभीरता से लेते हुए पुनर्वास कार्य में तेजी लायें. 31 दिसंबर से पहले बीसीसीएल 548 परिवारों (कोलकर्मी) को हर हाल में सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित करें, ताकि किसी प्रकार की जानमाल का नुकसान ना हो. साथ ही प्रभावित क्षेत्र में अवस्थित 551 आवासों को ध्वस्त करें. कोयला सचिव सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये रिवाइज झरिया मास्टर प्लान के क्रियान्वयन को लेकर अबतक हुए कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.
कोयला सचिव ने पिछली बैठक में लिये गये निर्णय के आलोक में जेआरडीए के तहत चल रहे पुनर्वास कार्यों की निगरानी के लिए एक एकीकृत एमआइएस पोर्टल तैयार करने पर जोर दिया. इसमें बीसीसीएल व जेआरडीए द्वारा किये जा रहे कार्यों का पूरा डेटाबेस हो. बीसीसीएल की ओर से बताया गया कि कंपनी भाग के लिए एमआइएस क्रियाशील है, जबकि जेआरडीए भाग के लिए बीसीसीएल आइटी टीम ने एक आवश्यक सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जो परीक्षणाधीन है. इस दौरान कोयला सचिव श्री मीणा ने कोयला उत्पादन, डिस्पैच व नयी वाशरी के निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की और लक्ष्य के मुताबिक कार्य करने का निर्देश दिया. बैठक में बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता, डीटी (ओपी) उदय अनंत कावले, डीटी(ओपी) संजय सिंह समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.
30 सितंबर तक हुई है 101 कोलकर्मियों की शिफ्टिंग
रिव्यू मीटिंग में बीसीसीएल की ओर से बताया गया कि कंपनी ने अग्नि प्रभावित व भू-धंसान जैसे प्रभावित क्षेत्र में रह रहे अपने 649 कर्मियों को आवास आवंटन कर दिया गया है. इसमें 30 सितंबर तक 101 परिवार की सुरक्षित स्थान पर शिफ्टिंग करा दी गयी है. जबकि अन्य 548 परिवारों की शिफ्टिंग प्रक्रियाधीन है. वहीं प्रभावित क्षेत्र के 649 आवासों में कंपनी ने 98 आवासों को 30 सितंबर तक ध्वस्त करा दिया है, जबकि शेष 551 आवासों को निर्धारित तिथि से पूर्व ध्वस्त करा दिया जाएगा.
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