ई-वे बिल पर कोयला चोरी मामले में 23 कंपनियों का निबंधन रद्द, तीन का लाइसेंस सस्पेंड

प्रभात खबर ने 11 अप्रैल के अंक में फर्जी कंपनियों के नाम ई-वे बिल के खेल की खबर को प्रमुखता से उठाया था. फर्जी कंपनियां कैसे चोरी के कोयले का ई-वे बिल निकालकर दूसरे राज्यों में चोरी का कोयला भेजती हैं

By Prabhat Khabar News Desk | April 22, 2023 6:59 AM

फर्जी कंपनियों के नाम पर निकाले गये ई-वे बिल (परमिट) पर 1606 करोड़ के कोयला चोरी मामले में 23 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. इसके अलावा तीन का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है. अन्य 24 कंपनियों की जांच चल रही है. इन 24 कंपनियों के संचालक को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस के बाद उनका लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इस कार्रवाई में धनबाद के अलावा रांची, रामगढ़, बोकारो व चास की फर्जी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है.

ज्ञात हो कि प्रभात खबर ने 11 अप्रैल के अंक में फर्जी कंपनियों के नाम ई-वे बिल के खेल की खबर को प्रमुखता से उठाया था. फर्जी कंपनियां कैसे चोरी के कोयले का ई-वे बिल (परमिट) निकालकर दूसरे राज्यों में चोरी का कोयला भेजती हैं, इससे संबंधित घोटाले का पर्दाफाश किया था. प्रभात खबर में खबर छपने के बाद सेंट्रल जीएसटी व राज्यकर विभाग ने एक साथ कार्रवाई शुरू की है. राज्यकर ने झरिया के एक डीलर के घर व ऑफिस का सर्वे कर कागजात जब्त कर लिया है. अब भी जांच चल रही है.

फर्जी कंपनी बनाने के लिए खरीदते हैं गरीबों का आधार कार्ड व फोटो :

जांच के क्रम में इस बात का खुलासा हुआ कि जो फर्जी कंपनियां इस धंधे में शामिल हैं, उन लोगों ने गरीब लोगों से पैसे देकर उनके आधार कार्ड की फोटो कॉपी और उनकी तसवीर खरीद ली थी. उसी के आधार पर फर्जी कंपनी बना ली गयी थी. एक फर्जी कंपनी की जांच के दौरान करकेंद के कोलियरी इलाके की एक महिला से पूछताछ में भी यह मामला सामने आया था.

यही नहीं, रेंट एग्रीमेंट की कॉपी भी फर्जी तरीके से तैयार की गयी थी. इसमें भी किसी भी अज्ञात के घर के मीटर नंबर पर फर्जी बिल बिजली विभाग से निकलवा कर रेंट एग्रीमेंट तैयार किया गया था. पैन कार्ड भी फर्जी बनवाया गया था, पर सबने मोबाइल नंबर अपने किसी खास आदमी का दिया था, ताकि कोई पूछताछ हो तो वह आदमी हर झूठ बोल कर कागज को सही साबित कर दे.

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