Jharkhand News: रैयतों के विरोध के कारण हजारीबाग के चट्टीबारियातू परियोजना से कोयला ढुलाई ठप, खाली लौटे वाहन
हजारीबाग के चट्टीबारियातू कोल परियोजना से कोयला ढुलाई बुधवार 15 फरवरी को भी नहीं हो सका. पुलिस प्रशासन और रैयतों के बीच वार्ता विफल हो गयी. वहीं, रैयतों के विरोध देखकर वाहनों को वापस भेज दिया.
केरेडारी (हजारीबाग), अरुण यादव : हजारीबाग स्थित एनटीपीसी चट्टीबारियातू कोल परियोजना से कोयला ढुलाई का कार्य शुरू करने का ट्रांसपोर्टर ने दोबारा प्रयास किया, लेकिन ढुलाई का कार्य शुरू कराने में सफल नहीं हो सका. ढुलाई के लिए वाहनों को परियोजना के अंदर ले जाने को लेकर महिला रैयतों एवं सुरक्षा कर्मियों के बीच जमकर नोकझोक हुई. कोयला ढुलाई के लिए वाहन लेकर पहुंचे जय अंबे कंपनी रैयतों के विरोध देखकर वाहनों को वापस भेज दिया. रैयतों के हंगामा के बाद एसडीओ विद्या भूषण प्रसाद और बड़कगाव एसडीपीओ अमित कुमार सिंह ने स्थिति को संभाला.
रैयतों की मांग
इस दौरान अधिकारियों ने ट्रांसपोर्टिंग का विरोध कर रहे रैयतों से उनकी समस्याओं को सुना. रैयतों ने कोल कंपनी से विस्थापित प्रभावित लोगों को रोजगार देने, प्रदूषण नियंत्रण के लिए सड़क पर पानी का छिड़काव करने, रैयती और गैरमजरूवा जमीन का मुआवजा भुगतान करने, ट्रांसपोर्टिंग के लिए एनटीपीसी से अलग से काली करण रोड का निर्माण करने, स्वास्थ्य, शिक्षा व्यवस्था लागू करने की मांग की गयी.
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रैयतों से 16 फरवरी को फिर होगी वार्ता
इस संबंध रैयत संतोष महतो ने कहा कि रैयत कंपनी का विरोध नहीं करते हैं. कंपनी की व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं. कहा कि एनटीपीसी ने कोयला ढुलाई के लिए सड़क नही बनाई है. कंपनी ग्रामीण सड़क से ट्रांसपोर्टिंग करना चाहती है. वहीं, कोल कंपनी विस्थापित क्षेत्र में कोई विकास का नहीं किया है. कंपनी सिर्फ छलावा कर रही है. उदय लाल गुप्ता ने कहा कि कंपनी अपनी बाइलॉज के साथ रैयतों से वार्ता कर ट्रांसपोर्टिंग का कार्य शुरू करे. रैयतों ने 16 फरवरी को सहमति के लिए वार्ता करने की बात कही.