फिल्म सिटी के लिए पीलीभीत से अच्छी कोई जगह नहीं है, मैं एक रुपये में माली बनने को तैयार हूं- राजपाल यादव
फिल्म अभिनेता राजपाल यादव ने कहा कि फिल्म सिटी के लिए पीलीभीत से अच्छी कोई जगह नहीं है. मैं एक रुपये में यहां का माली बनने को तैयार हूं.
Pilibhit News: बॉलीवुड अभिनेता और कॉमेडी किंग राजपाल यादव रुहेलखंड की वादियों में अपनी फिल्मों की शूटिंग करेंगे. शुक्रवार को कॉमेडी किंग ने अपनी टीम के साथ पीलीभीत में स्थित चुका बीच और टाइगर रिजर्व में शूटिंग के लिए लोकेशन की तलाश की. फिल्म अभिनेता काफी पहले से यहां की खूबसूरती और शांत वातावरण के कायल हैं. वह रुहेलखंड के पीलीभीत में फ़िल्म सिटी बनाने की पहले ही ख्वाहिश जाहिर कर चुके हैं.
कॉमेडी किंग राजपाल यादव दीपावली का पर्व मनाने शाहजहांपुर के बंडा स्थित अपने गांव आए हुए हैं. गुरुवार को परिवार के साथ दीपावली का पर्व मनाने के बाद शुक्रवार दोपहर टीम के साथ पीलीभीत के टाइगर रिजर्व और चुका बीच पहुंचे. यहां उन्होंने कई घंटे तक टीम के साथ फ़िल्म की शूटिंग के लिए लोकेशन की तलाश की. फिल्म ‘मंडावा’ की शूटिंग करने की इच्छा जताई है. यह फ़िल्म 22 भाषा में बनेगी.
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अभिनेता राजपाल यादव का मानना है कि अगर पीलीभीत में फिल्म की शूटिंग होती है तो पीलीभीत को देश ही नहीं, पूरी दुनिया जानेगी. इस फिल्म को हिंदी और अंग्रेजी सहित 22 भाषाओं में तैयार कर 178 देशों में रिलीज करने की तैयारी है. फिल्म में राजपाल यादव मुख्य भूमिका में होंगे. फिल्म के तीन भाग होंगे, जिसमें पहले वे जंगली जानवरों का भक्षण और फिर उसके बाद उनकी रक्षा और फिर शिक्षक की भूमिका में नजर आएंगे. फिल्म से वन्य जीवों की रक्षा का संदेश दिया जाएगा.
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यूपी में हो कला का संसार
कॉमेडी किंग ने एक बार फिर दोहराया कि यूपी उनकी जन्मभूमि है. इसलिए वह यूपी को कला का संसार बनता देखना चाहते हैं. फ़िल्म सिटी के लिए पीलीभीत से अच्छी कोई जगह नहीं है. फिल्म सिटी के लिए जल, जंगल, जमीन, पर्यावरण, पर्यटन सबका संगम हो. वहीं पर कला निवास करती है, जहां शांति होती है. यह जगह प्रदूषण रहित है.
यह स्वर्ग नहीं, लेकिन स्वर्ग से कम भी नहीं
राजपाल यादव ने कहा पीलीभीत से बचपन से ही जुड़ाव रहा है. उत्तराखंड के बनबसा से लेकर पीलीभीत के माधोटांडा, गोमती तट और लखीमपुर खीरी ही नहीं, बल्कि नेपाल बॉर्डर तक जल, जंगल, जमीन और पक्षियों का अद्भुत मिश्रण है. उन्होंने कहा कि यहां स्वर्ग नहीं है लेकिन स्वर्ग से कम भी नहीं है. अगर सरकार चाहे तो मैं एक रुपये लेकर इस फिल्म सिटी का माली बनने को तैयार हूं.
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रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद