Gorakhpur : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम की ओर से मिले निर्देश के बाद विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत कमेटी ने प्रोफ़ेसर द्वारा महिला के उत्पीड़न प्रकरण की जांच शुरू कर दी है. इस प्रकरण के पक्ष जानने के लिए कमेटी प्रोफेसर के साथ उन महिलाओं को भी समन भेजेगी, जिनके नाम इस प्रकरण में सामने आ रहे हैं. कमेटी ने बैठक कर महिला आयोग को 30 दिन में अंतरिम और 90 दिन में संपूर्ण जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की योजना बनाई है. कमेटी मुख्य रूप से शामिल महिला के अलावा एक शोध छात्रा सहित कई अन्य महिलाओं से उनका पक्ष जानने की कोशिश करगी.
उधर जांच को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डेलिना खांगडूप के निर्देश पर जिले की महिला शोषण समिति और सतर्कता विभाग भी सक्रिय हो गया है. विभाग और समिति ने अपने तरीके से जांच भी शुरू कर दी है. टीम द्वारा उस महिला से भी पूछताछ की बात सामने आ रही है, जिसके साथ अश्लील हरकत करते हुए ऑफिसर का वीडियो क्लिप सामने आया है. प्रोफेसर द्वारा यौन उत्पीड़न प्रकरण में शिकायतकर्ता का नाम सामने नहीं आया है और संबंधित महिला ने भी किसी तरह की प्रतिक्रिया जताने और आपत्ति करने से इनकार कर दिया है.
इसके बावजूद राष्ट्रीय महिला आयोग का जांच के पीछे उद्देश्य अन्य शिक्षकों और छात्रों को गहरा संदेश देना है ताकि आगे से ऐसे किसी भी मामले पर विराम लग सके. विश्वविद्यालय सूत्रों की माने तो इस प्रकरण में आयोग परिसर का माहौल खराब करने के आरोप में कर सख्त रुख अख्तियार करते हुए दंडित करने का निर्णय भी ले सकता है. प्रोफेसर द्वारा महिला के उत्पीड़न प्रकरण में शिकायतकर्ता ने अपना नाम नहीं जाहिर किया है और वीडियो क्लिप में शामिल महिला ने इस विषय में कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है.
ऐसे ही जांच टीम को किसी नतीजे पर पहुंचने को लेकर काफी संसय बना हुआ है. साथ में प्रोफेसर की पत्नी भी किसी तरह के हस्तक्षेप से इंकार कर रही है. माना जा रहा है कि मामले में अधिकतर कारवाई प्रोफ़ेसर और संबंधित महिला को फटकार लगाने और उनसे माफीनामा लिखवाने तक ही सिमट सकती है. फिलहाल अभी जांच टीम अपना कार्य जारी रखी है. जांच टीम द्वारा 30 दिन में अंतरिम और 90 दिन में संपूर्ण जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की योजना है.
इस प्रकरण में शिकायतकर्ता के नाम का रहस्य अब भी बना हुआ है. विश्वविद्यालय में इस प्रकरण को लेकर काफी चर्चा है और शिकायतकर्ता कौन है इसको लेकर असमंजस बना हुआ है. इस उत्पीड़न मामले में शिकायत करने वाले ने वीडियो, ऑडियो क्लिप के रूप में साक्ष्य तो दिया है लेकिन अपना नाम नहीं उजागर किया है. इसको लेकर काफी चर्चा है.
कुछ लोगों की माने तो प्रोफ़ेसर के मोबाइल फ़ोन से वीडियो किसी अन्य महिला ने हासिल कर राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजा है. तो कोई इस की बात कर रहा हैं की मोबाइल फोन बनाने के दौरान प्रोफ़सर की पोल खुली है. मोबाइल को बनवाने वाले ने ही शिकायत की जरिए लंबे समय से चल रहे प्रकरण को विद्यालय और महिला आयोग के संज्ञान में ला दिया है. फिलहाल इन सभी मुद्दों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप, गोरखपुर