Common Man Issues: आजादी के अमृत महोत्सव काल में भी अगर धनबाद के टुंडी के कई गांव अब तक पक्की सड़कों से नहीं जुड़े, तो इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी. कई योजनाओं से टुंडी की कई सड़कों का न केवल प्राक्कलन बना, बल्कि कई सड़कों का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया, लेकिन वन विभाग के NOC के अभाव में सड़कें नहीं बन पा रही है, क्योंकि सभी सड़कों का कुछ न कुछ अंश वन भूमि पर है. ऐसे में निर्माण करने वाली एजेंसी बिना एनओसी के सड़क निर्माण कार्य को आगे बढ़ा नहीं पा रही है.
केस स्टडी एक : नवादा-पलमा पथ
सुदूर पश्चिमी टुंडी की जीतपुर पंचायत अंतर्गत नवादा-पलमा पथ की स्थिति काफी खराब है. चारपहिया वाहन से तो चलना मुश्किल है ही, दोपहिया वाहन से भी जाना खतरों से खाली नहीं है. बिल्कुल पहाड़ी एवं जंगलों के बीच से यह सड़क गुजरती है. सौभाग्य से इस पथ की स्वीकृति प्रधानमंत्री सड़क योजना से हुई है. जब स्वीकृत पथ का सांसद चन्द्रप्रकाश चौधरी और विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने संयुक्त रूप से शिलान्यास किया तो ग्रामीणों की उम्मीदें जगी कि देर से सही, हम मुख्य पथ से जुड़ जायेंगे, लेकिन अब लेकिन शिलान्यास के दो महीने बीतने को है काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है. बताया जा रहा है कि वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया है.
केस स्टडी 2 : शंकरडीह-कमारडीह पथ
टुंडी के सबसे अधिक महत्वपूर्ण पथों में एक है शंकरडीह-कमारडीह पथ. इस पथ की स्वीकृति पथ निर्माण विभाग ने दी है. काम शुरू भी हुआ, लेकिन काम शुरू होते ही वन विभाग ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया. महुआडाबर के पास फ्लेंक में मिट्टी काटने के दौरान वन विभाग ने पथ निर्माण कम्पनी की जेसीबी को जब्त कर लिया. इतना ही नहीं, प्राथमिकी तक दर्ज कर ली. तब से रफ्तार थम सा गयी है. क्योंकि रूपन से शंकरडीह तक अधिकांश हिस्सों में वन भूमि ही है. उक्त पथ के बनने से पूर्वी टुंडी से टुंडी की दूरी काफी कम हो जायेगी. उक्त पथ का चौड़ीकरण भी होना है.
Also Read: झारखंड के अधिकारी अब ‘जोहार’ के साथ करें अभिवादन, CM हेमंत सोरेन ने की अपीलकेस स्टडी 3 : लोधरिया-शहरपुरा पथ
लोधरिया-शहरपुरा मुख्य पथ भी एक महत्वपूर्ण पथ है जो शहरपुरा से सुंदरपहाड़ी, चालधोवा होते हुए लोधरिया तक आता है. यह पथ गिरिडीह-गोविंदपुर मुख्य पथ को गोविंदपुर-साहिबगंज मुख्य पथ से जोड़ता है. इसकी स्वीकृति भी प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत हुई है. इसका निर्माण कार्य भी जारी है, लेकिन रफ्तार वन विभाग के कारण धीमा है. पहले से बने पथ में लुकैया से चालधोवा तक दोनों तरफ वन भूमि है. अब पथ का चौड़ीकरण भी होना है. ट्रेंच भी कटा है, फिर भी जब तक वन विभाग से एनओसी नहीं मिला है, इस कारण काम बंद है.
केस स्टडी 4- बाघमार-भेलवाबेड़ा पथ
कोलहर-डोमनपुर मुख्य पथ में झिनाकी से आगे बाघमारा के पास बाईं ओर एक पहाड़ों की लंबी शृंखला है. पहाड़ पर गांव की कल्पना भी नहीं कर सकते राहगीर, पर यह सच है. इसी पहाड़ पर बसा है एक गांव भेलवाबेड़ा. वहां 40-50 घर हैं. पहाड़ के ऊपर चढ़ने पर पता चलेगा, गांव में कई कार्य हुए हैं. स्कूल है, बिजली पहुंच गयी है. थोड़ा बहुत पीसीसी पथ भी बना है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उक्त गांव पहुंचने के लिए पगडंडी ही सहारा है. वर्षों से गांव तक पहुंचने के लिए ग्रामीण पथ की मांग लोग कर रहे थे. उसके बाद पलमा-नवादा पथ के साथ बाघमारा-भेलवाबेड़ा थ की भी स्वीकृति मिली, शिलान्यास भी हुआ, लेकिन यहां भी वन विभाग का एनओसी नहीं मिलने से काम शुरू नहीं हो पाया है. यहां सड़क की कुछ जमीन रैयती है तो अधिकांश वन भूमि.
केस स्टडी 5 : संग्रामडीह-चालधोवा पथ
संग्रामडीह-चालधोवा पथ भी प्रखंड में महत्वपूर्ण सड़कों में एक है. वर्षों पूर्व से सड़क निर्माण की मांग की जाती रही है. शिलान्यास भी हुआ, काम भी शुरू हुआ, लेकिन रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है. इसके पीछे का कारण है कि सड़क की दोनों तरफ वन भूमि है. सड़क टुंडी को पूर्वी टुंडी से जोड़ती है. गत वर्ष विधायक मथुरा प्रसाद महतो विधायकों की टीम लेकर आये थे और उक्त पथ की जर्जर स्थिति को दिखाया था. टीम में उमाशंकर यादव और पूर्णिमा नीरज सिंह तथा वह स्वयं भी थे. आज जब सड़क स्वीकृत हुई और बनने का समय आया तो वन विभाग का ग्रहण लग गया. उक्त पथ भी पूरी तरह जंगलों से ही गुजरता है.
Also Read: Prabhat Khabar Special: जल-जंगल के अस्तित्व के साथ पहचान के लिए झारखंड अब भी कर रहा संघर्ष : विनोद सिंहएनओसी देने की प्रक्रिया है जारी : वन विभाग
रेंजर विनोद ठाकुर ने उक्त पथों के एनओसी के संबंध में बताया कि कुछ पथों का एनओसी विभाग द्वारा मांगा गया है, उसको एनओसी देने की प्रक्रिया जारी है. मनियाडीह-सर्रा पथ का एनओसी दे दिया गया है. जबकि खटजोरी-महुआढाप पथ तथा भेलवई से चेतनाडीह तथा शीतलपुर से चीना पहाड़ी पथ में ग्रामसभा अधूरी है. जिस ग्रामसभा के माध्यम से एनओसी मांगा गया है, उसमें वह समिति के अध्यक्ष का ही हस्ताक्षर नहीं था. पुनः ग्राम सभाकर आवेदन मांगा गया है. लोधरिया-शहरपुरा मुख्य पथ में विभाग द्वारा जिस लेंथ का एनओसी मांगा गया वह गलत है.विभाग को फिर से मापी कर एनओसी मांगने का निर्देश दिया गया है. संग्रामडीह से चालधोवा पथ के लिए एनओसी मांगा ही नहीं गया है. वन विभाग विकास कार्य में बाधक नहीं बनेगा.
विकास में बाधक न बने वन विभाग : मथुरा
इस संबंध में टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने बताया कि इतनी सड़कें बड़ी मेहनत और दौड़-धूप कर पास करायी जाती है. अगर कोई विकास कार्य में बाधक बनेगा तो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने बताया कि वन प्रमंडल पदाधिकारी एवं संबंधित विभाग के लोगों से बात की गयी. उम्मीद है कि वन विभाग द्वारा जल्द ही एनओसी मिल जायेगा.
रिपोर्ट : चंद्रशेखर सिंह, धनबाद.