गिरिडीह की सिमराढाब पंचायत में पांच करोड़ में बनी टंकी, ग्रामीणों को एक बूंद भी पानी नसीब नहीं
गिरिडीह के बिरनी प्रखंड अंतर्गत सिमराढाब पंचायत में नल जल योजना दम तोड़ रही है. पांच करोड़ की लागत से बने पानी टंकी का उद्घाटन बगोदर विधायक विनोद सिंह ने किया, पर पिछले दस साल से क्षेत्र के ग्रामीणों को इस पानी टंकी से एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो रहा है.
Common Man Issues: गिरिडीह जिला अंतर्गत बिरनी प्रखंड की सिमराढाब पंचायत में नल जल योजना (Nal Jal Yojana) दम तोड़ रही है. क्षेत्र में पांच करोड़ की लागत से पानी टंकी बनाया गया, पर 10 साल से ग्रामीणों को एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो रहा है.
शोभा की वस्तु बनकर रह गयी पानी टंकी
बिरनी प्रखंड मुख्यालय से महज डेढ़ किलोमीटर दूर सिमराढाब पंचायत अंतर्गत बरहमसिया मोड़ स्थित नवादा में ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना के तहत लगभग पांच करोड़ रुपये की लागत से बनी पानी टंकी 10 साल बाद भी लोगों की प्यास नहीं बुझा पा रही है. इन दिनों पानी टंकी शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. इस ओर न तो जनप्रतिनिधियों का ध्यान है और न ही विभागीय अधिकारियों का. इसका खामियाजा नवादा, बरहमसिया, जुरपा, गोंगरा, कुबरीटांड़, सिमराढाब, पलोंजिया, जीतकुंडी, बिरनी, बनपुरा के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. लोगों काे पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है.
2012 को बगोदर विधायक विनोद सिंह ने किया था उद्घाटन
सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना हर घर नल जल फ्लॉप साबित हो रही है. बता दें कि ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना पानी टंकी का शिलान्यास दो फरवरी, 2010 को तथा उद्घाटन 2012 में बगोदर विधायक विनोद सिंह ने किया था. उद्घाटन के बाद एक सप्ताह तक जलापूर्ति हुई. इसके बाद पानी की सप्लाई बंद कर दी गयी.
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सड़क चौड़ीकरण के दौरान पाइप क्षतिग्रस्त
सरिया-राजधनवार सड़क के चौड़ीकरण के दौरान सड़क किनारे पानी आपूर्ति को लेकर बिछायी गयी पाइप को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. इस दौरान न तो विभागीय अधिकारियों द्वारा मरम्मत को लेकर पहल की गयी और न ही जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया. पाइप की मरम्मत नहीं होने पर जलापूर्ति बंद हो गयी. लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ता है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
इस संबंध में ग्रामीण मुमताज अंसारी ने कहा कि योजना का शिलान्यास और उद्घाटन तभी सफल होगा जब इसका लाभ लोगों को मिलेगा. लोगों को पानी टंकी से पानी मिलता, तो हर घर नल योजना का सपना साकार होता. साथ ही लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ता. वहीं, मन्नू कुमार ने कहा कि सरकार करोड़ों रुपये जनहित के नाम पर खर्च करती है, लेकिन इसका लाभ आम जनता को नहीं मिल पाता है और न ही इस ओर जनप्रतिनिधि ध्यान देते हैं. इसी वजह से नवादा में बनी पानी टंकी शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है.
पानी टंकी बनने के बाद भी उम्मीदों पर फिरा पानी
ग्रामीण कंचन राय ने कहा कि पानी टंकी के बनने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब हर घर नल जल के तहत पानी मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है. करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी पानी नहीं मिल पा रहा है. समस्या का समाधान हर हाल में होना चाहिए. वहीं, ग्रामीण संतोष कुमार ने कहा कि स्थानीय सांसद-विधायक के उदासीन रवैये के कारण यहां की जनता को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. नतीजा है कि करोड़ों रुपये खर्च कर बनी पानी टंकी शोभा की वस्तु बनकर 10 वर्षों से खड़ी है.