Common Man Issues: धनबाद शहर को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए दो फ्लाइओवर बनाने की घोषणा हुई. लेकिन, आज तक एक के लिए एक इंच काम नहीं हुआ. धनबाद शहर के पूजा टॉकीज से लेकर झरिया पुल वाया रेलवे स्टेशन बनाने की घोषणा वर्ष 2014 में हुई थी. कई बार विधानसभा में घोषणा हुई. बजट में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने की. लेकिन, वर्ष 2014 में पथ निर्माण विभाग की टीम ने इस फ्लाइओवर के लिए सर्वे शुरू किया. फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया. विधानसभा में कई बार मामला उठा. वर्ष 2017 में एक बार तत्कालीन डीआरएम की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी. रेलवे से एनओसी की मांग की गयी थी. इस फ्लाइओवर में 12 मीटर का ऊंचा पुल भी बनाना था. लेकिन, अब तक डीपीआर तक नहीं बन पाया है. हालांकि, रेलवे से एनओसी मिल चुका है. एक बार फिर से सर्वे की तैयारी चल रही है. जानकारों के अनुसार वर्ष 1982 में गया पुल का चौड़ीकरण हुआ था.
पूजा टॉकीज से मटकुरिया तक फ्लाइओवर की डिजाइनिंग तक नहीं बनी
शहर के पूजा टॉकीज से लेकर मटकुरिया वाया जेपी चौक बैंक मोड़ तक फ्लाइओवर बनाने की घोषणाएं कई बार हुई. विधानसभा के अंदर से लेकर बाहर तक इस पर बातें हुई. लेकिन, आज तक पथ निर्माण विभाग की तरफ से इसका डिजाइन तक फाइनल नहीं की गयी है. पूर्व एवं वर्तमान सरकार में कई बार इस मुद्दे पर बैठकें हुई. पूर्व मंत्री मो मन्नान मल्लिक के कार्यकाल में एक बार झरिया पुल से पूजा टॉकीज तक फ्लाइओवर बनाने की बात हुई. निरीक्षण वगैरह भी हुआ. लेकिन, बाद में रेल लाइन के उपर इतना बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने से रेलवे ने एनओसी देने से मना कर दिया. इसके बाद गया पुल के ऊपर से फ्लाइओवर बनाने की बात चल रही है. वर्तमान विधायक राज सिन्हा ने इस मामले को कई बार विधानसभा में उठाया. साथ ही कई बार सीएम से भी मिल कर इस मांग को रखा. लेकिन, धरातल पर कुछ काम दिख नहीं रहा है. धनबाद से लेकर रांची तक केवल बातचीत का ही दौर चल रहा है.
बजट सत्र में उठायेंगे मामला
धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने कहा कि फ्लाइओवर का मुद्दा विधानसभा के अंदर उठायेंगे. 27 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान इस पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करायेंगे. लोगों को जाम की समस्या से मुक्ति दिलायेंगे.
अविभाजित बिहार के समय से चल रहा प्रयास
धनबाद में फ्लाइओवर का सपना अविभाजित बिहार के समय से दिखाया जा रहा है. बिनोद बिहारी चौक नावाडीह से मटकुरिया वाया बैंक मोड़ तक ट्रैफिक लोड को देखते हुए वर्ष 1985 से ही फ्लाइओवर बनाने की प्रक्रिया कागज पर शुरू हुई. फ्लाइओवर के लिए संबंधित क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में जमीन भी चिह्नित की गयी थी. लेकिन, फिर यह ठंडे बस्ते में चला गया.
250 करोड़ की लागत से बनना है फ्लाइओवर
बिनोद बिहारी महतो चौक से मटकुरिया वाया आरा मोड़ तक के लिए नये फ्लाइओवर बनाने की कवायद वर्ष 2017 में एक बार फिर शुरू हुई. तत्कालीन महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल ने नगर निगम की बोर्ड में बैठक से योजना को पारित कराया. यहां से लेकर रांची तक से क्लीयर कराया. डीएमएफटी से लगभग ढाई सौ करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत है. दो बार टेंडर भी हुआ. पहली बार टेंडर सिंगल था, इसलिए रद्द हो गया. दूसरी बार टेंडर हुआ. लेकिन, टेंडर डालने वाली कंपनी ने निर्धारित राशि से 41 प्रतिशत अधिक पर टेंडर डाला. नियमत: इतना विचलन सही नहीं था. टेंडर रद्द हो गया. इस योजना के तहत दो तरह का पुल बनना है. पहला मटकुरिया से वासेपुर के बीच रेल लाइन के नीचे अंडर पास होगा. फिर दूसरा फ्लाइओवर होगा जो बिनोद बिहारी महतो चौक तक आयेगा. यह लगभग साढ़े तीन किलोमीटर लंबी सड़क होगी. कुछ स्थानों पर जमीन अधिग्रहण या वहां रह रहे आबादी को दूसरे स्थान पर शिफ्ट कराना होगा. इसके लिए अभी सर्वे चल रहा है.
…तो शहर के बाहर-बाहर ही निकल जायेंगे बड़े वाहन
धनबाद में अगर दोनों फ्लाइओवर बन जाता है, तो शहरवासियों को जाम से राहत तो मिलेगी ही. साथ ही पर्यावरण प्रदूषण की समस्या भी कम होगी. मटकुरिया -बिनोद बिहारी महतो चौक नावाडीह तक बनने वाली फ्लाइओवर से बोकारो, कतरास की तरफ से धनबाद शहर आने वाले बड़े वाहन सीधे नावाडीह पहुंच जायेंगे. वहां से जीटी रोड के लिए बन रहे आठ लेन सड़क से गंतव्य की तरफ जा सकती है. इसी तरह झरिया की तरफ से आने वाली भारी वाहन नयी दिल्ली कॉलोनी होते हुए इस फ्लाइओवर पर चढ़ सकते हैं. इससे धनबाद शहर के अंदर रात में भी भारी एवं बड़े वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से रोका जा सकता है. ट्रैफिक जाम से लोगों को राहत मिल सकती है.
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