इस बार राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) में कुछ नया होगा. बर्मिंघम में गुरुवार से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेल पहले ऐसे खेल बन जाएंगे जहां पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक स्वर्ण पदक मिलेंगे.
136 गोल्ड के लिए भिड़ेंगी महिलायें, जबकि पुरुषों के लिए केवल 134 गोल्ड
इस बार 11 दिन तक चलने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं को 136 स्वर्ण पदक जबकि पुरुषों को 134 स्वर्ण पदक मिलेंगे. मिश्रित स्पर्धाओं में कुल 10 स्वर्ण पदक दांव पर लगे होंगे. इस तरह की कई खेल वाली प्रतियोगिता में पहली बार ऐसा होगा जबकि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक स्वर्ण पदक हासिल करने का मौका मिलेगा.
महिला क्रिकेट होगा राष्ट्रमंडल खेलों का आकर्षण
इस बार राष्ट्रमंडल खेलों का आकर्षण महिला क्रिकेट भी होगा जिसे पहली बार इन खेलों में शामिल किया गया है. क्रिकेट में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. भारत भी दावेदारों में शामिल है. भारतीय टीम पिछले टी20 विश्व कप में उपविजेता रही थी.
हरमनप्रीत कौर बोलीं, टीम इंडिया का टारगेट गोल्ड
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा, हमारे लिए यह टूर्नामेंट काफी महत्वपूर्ण है. हम पदक को लक्ष्य बनाकर मैदान पर उतरेंगे. हम इन खेलों को देखते हुए बड़े हुए हैं और इस बार हमें भी इस बड़ी प्रतियोगिता का हिस्सा बनने का मौका मिला है.
भारत की ध्वजवाहक होंगी सिंधु
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू को राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह के लिये बुधवार को भारतीय दल का ध्वजवाहक बनाया गया. गुरुवार को होने वाले उद्घाटन समारोह में कुल 164 एथलीट हिस्सा लेंगे. पूर्व विश्व चैम्पियन सिंधु बर्मिंघम में महिला एकल स्वर्ण पदक जीतने की प्रबल दावेदारों में से एक हैं. उन्होंने गोल्ड कोस्ट और ग्लास्गो में पिछले दो चरण में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते थे. सिंधु गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भी ध्वजवाहक थीं.